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कौशल युक्त होने पर समाज में मिलता है सम्मान

गुजवि में गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 08:25 PM (IST)
कौशल युक्त होने पर समाज में मिलता है सम्मान

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- गुजवि में गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु

हिसार। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा है कि किसी भी संस्थान, समाज व राष्ट्र के विकास में कौशलयुक्त मानव संसाधन की भूमिका अहम होती है। आवश्यक है कि शिक्षकों के साथ-साथ गैरशिक्षकों के कौशल में भी नियमित रूप से वृद्धि हो। तभी विश्वविद्यालय अपनी क्षमता से आगे बढ़ पाएगा। प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने विश्वविद्यालय के मानव संसाधन केंद्र के सौजन्य से गैर शिक्षक कर्मचारियों को प्रोफेशनल डेवलवमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय व एआईसीटीई ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र द्वारा किया जा रहा है। कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा भी मौजूद रहे। समारोह की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. मनोज दयाल ने की। शिक्षा संकाय की अधिष्ठात्री प्रो. वंदना पूनिया, विश्वविद्यालय संयोजक अनुराग सांगवान व बिजेन्द्र दहिया भी संयोजक के तौर पर मौजूद रहे। बिजेन्द्र दहिया ने संचालन किया।

प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा कि जीवन स्तर और आबादी में वृद्धि के अलावा संसाधनों की आवश्यकता भी है। संसाधनों का समग्र व समुचित उपयोग के लिए मानव का भी कौशलयुक्त होना आवश्यक है। वर्तमान समय की भागदौड़ में संस्कार, सत्य व नैतिकता बहुत कुछ पीछे छूट गया है। जो पीछे छूट गया है, हमें उसे भी देखने की जरूरत है। प्रशिक्षण कार्यक्रम कौशल में वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। कौशलयुक्त होने पर हमें समाज व राष्ट्र में सम्मान मिलता है।

30 कर्मियों ने भाग लिया

लगभग 26 साल की अपनी इस यात्रा में जीजेयू ने ने विकास के उच्च बिदुओं को छुआ है। इसमें गैरशिक्षक कर्मचारियों का अहम योगदान है। निदेशक प्रो. मनोज दयाल ने बताया कि गैरशिक्षक कर्मियों के लिए कुल चार प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए हैं। यह पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 दिसम्बर तक चलेगा। इसमें 30 कर्मी भाग लेने पहुंचे। अधिष्ठात्री प्रो. वंदना पूनिया ने एक योगा सत्र सहित प्रतिदिन चार तकनीकी सत्र होंगे।


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