गणतंत्र दिवस से पहले होगा जाटों के धरने का एलान
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से बलिदान दिवस के साथ मांगें पूरी नही होने पर दिए जाने वाले धरने इस बार लंबे नही होंगे।
जागरण संवाददाता, हिसार : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से बलिदान दिवस के साथ मांगें पूरी नही होने पर दिए जाने वाले धरने इस बार लंबे नही होंगे। धरने कब से शुरू होंगे और आंदोलन की रणनीति क्या होगी यह जसिया में जल्द होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस से पहले कर दी जाएगी। जाट समुदाय की तरफ से जिला स्तर पर बलिदान दिवस रामायण रेलवे ट्रैक के साथ धरना स्थल पर मनाया जाएगा। यह निर्णय जाट धर्मशाला में बुधवार को समिति की जिला स्तरीय बैठक में लिया गया। जाट समुदाय की तरफ से लंबे समय से मांगों को लेकर लड़ाई लड़ी जा रही है। मांगों में मुख्य रूप से जाट आरक्षण की मांग है। इसके अलावा पिछले दिनों हुए आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमें खत्म करने, जेल में बंद समाज के युवाओं को रिहा करने आदि मांगें पूरी नही हुई है। समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत ¨सह मलिक ने कहा कि सरकार की तरफ से वायदे पूरी नही होने पर चर्चा की गई। साथ ही 18 फरवरी को बलिदान दिवस रामायण रेलवे ट्रैक के पास धरना स्थल पर मनाने के लिए सहमति बनी। मलिक ने कहा कि इस बार जो मांगों को लेकर आंदोलन होगा उसमें धरने पहले की तरह लंबे नही चलेंगे। कम समय के धरने लगाए जाएंगे। साथ ही आंदोलन की रणनीति 23 या 24 जनवरी को जसिया में होने वाली प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया जाएगा। वही पर रणनीति का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बलिदान दिवस के साथ आंदोलन में दिल्ली कूच करना है या नही इसको लेकर बैठक में ही चर्चा की जाएगी। बैठक में महेंद्र पूनिया, हिम्मत ¨सह, रणधीर बामल, महेंद्र, बनवान कुंडू, रोशन कैमरी, दुष्यंत आदमपुर, सतीश माजरा, वजीर बडाला आदि समुदाय के लोग मौजूद थे।