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बहादुरगढ़ में डीसी का फोन नहीं उठा रहीं थी बीडीपीओ, एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो बोलीं इस्‍तीफा लिख दूं

बहादुरगढ़ में न‍वनियुक्‍त बीडीपीओ दीपिका शर्मा विवादों में है। वे न किसी बैठक में जाती हैं न किसी उच्‍च अधिकारी को फोन उठाती हैं। एसडीएम बात करते पहुंचे तो जवाब सुन दंग रह गए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 02:31 PM (IST)
बहादुरगढ़ में डीसी का फोन नहीं उठा रहीं थी बीडीपीओ, एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो बोलीं इस्‍तीफा लिख दूं
बहादुरगढ़ में डीसी का फोन नहीं उठा रहीं थी बीडीपीओ, एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो बोलीं इस्‍तीफा लिख दूं

बहादुरगढ़, जेएनएन। अपनी सर्विस की दूसरी ही पोस्टिंग में बहादुरगढ़ में तैनात महिला बीडीपीओ खंड विकास पंचायत अधिकारी दीपिका शर्मा विवादों से घिर गईं है। यहां 27 दिनों की तैनाती में मुश्किल से 14 दिन ड्यूटी पर पहुंची बीडीपीओ ने डीसी दफ्तर और एसडीएम के फोन तक नहीं उठाए। मीटिंगों में बुलाया तो वहां भी नहीं पहुंची। जवाब यहां तक दिया कि किसी को जरूरत है तो मेरे पास आए। परेशान हुए एसडीएम पंचायत कार्यालय पहुंच गए और वहां बीडीपीओ के जवाब सुन दंग रह गए। एसडीएम की एक भी बात का बीडीपीओ ने सीधे मुंह जवाब नहीं दिया।

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पूछा, आपको पता हैं आप कौन हैं, तो बोली नहीं पता। जब कहा गया कि डयूटी् नहीं करनी तो इस्तीफा दे दो तो महिला अफसर झट से इस्तीफा टाइप करवाने चली गई। यह अजीबो-गरीब वाकया सोमवार दोपहर को हुआ। दरअसल, इन दिनों गांवों से जुड़ी जलभराव और दूसरे मामलों की समस्याएं एसडीएम कार्यालय में आ रही हैं। एसडीएम उन्हें पंचायत विभाग को मार्क कर रहे हैं। मगर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इधर, बीडीपीओ को फोन किया तो एक बार भी रिसीव नहीं हुआ।

यहां तक की डीसी कैंप ऑफिस से भी बीडीपीओ के पास कॉल की गई, उसका भी जवाब नहीं दिया। मामला गर्म हुआ तो दोपहर एक बजे एसडीएम हितेंद्र शर्मा बीडीपीओ दफ्तर पहुंच गए। वहां बीडीपीओ दीपिका शर्मा अपने रूम में थी। एसडीएम ने अंदर पहुंचते ही उनसे जवाब तलबी की, मगर बीडीपीओ ने तो उल्टे सीधे जवाब दिए। एसडीएम ने पूछा कि फोन क्यों नहीं उठा रहे, लोगों के काम क्यों नहीं कर रहे, मीटिंग में क्याें नहीं आ रहे तो बीडीपीओ का जवाब सुन खुद एसडीएम हक्के बक्के रहे गए। बीडीपीओ का पहला ही जवाब था कि जो फोन सेव नहीं, उन्हें नहीं उठाती। लोगों के काम करने के लिए और स्टाफ है।

जब एसडीएम ने पूछा कि इंचार्ज कौन है, तो उसमें भी एसईपीओ का नाम लिया। फिर पूछा कि, फिर आप क्या करती हैं तो बोली थोड़ी देर आती हूं और बैठकर चली जाती हूं। यहां तक की एसडीएम ने जब यह सवाल किया कि पता हैं आप कितनी जिम्मेदारी के पद पर हैं और क्या काम करना होता है तो, महिला अफसर का जवाब था मुझे तो पता नहीं मैं कौन हूं और क्या करना है। ऐसे जवाब सुन एसडीएम से रहा नहीं गया तो बोले, नौकरी करनी है या नहीं। इस पर भी जवाब नहीं में मिला तो एसडीएम ने कह दिया ड्यूटी नहीं करनी तो इस्तीफा दे दो।

इस पर जवाब मिला...लाओ  इस्तीफा लिख देती हूं, किसको देना है। इसके बाद झट से बीडीपीओ ने हैंड बैग से रजिस्टर  और पेन निकाला तो एसडीएम बोले, टाइप करवा लो। इसके बाद बीडीपीओ कमरे से निकल गए। इस वाकया के बाद एसडीएम ने स्टाफ से पूछा तो पता चला कि बीडीपीओ का व्यवहार ही अजीबो-गरीब है। इससे पहले हांसी में थी। वहां पर भी यही सब किया।

...बीडीपीओ द्वारा फोन हीं नहीं उठाया जा रहा। न ही कोई काम किया जा रहा है। जिम्मेदारी के बारे में पूछा तो उल्टे-सीधे जवाब मिले। इस मामले में जो भी उचित कार्रवाई बनती है वह की जा रही है।

--हितेंद्र शर्मा, एसडीएम, बहादुरगढ़


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