सेक्टरों में आवासीय प्लाटों की बिक्री ई-नीलामी से करने पर एसोसिएशन को एतराज, ड्रा सिस्टम लागू करने की मांग
जागरण संवाददाता हिसार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) ने सेक्टरों में खाली
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) ने सेक्टरों में खाली पड़ी सभी प्रकार की आवासीय व कॉमर्शियल साइट की चरणबद्ध तरीके से ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री का निर्णय लिया है। एचएसवीपी के पांचों जोन में वर्षों से खाली पड़ी सभी प्रकार की प्रॉपर्टी की गणना के बाद इस मेगा-नीलामी का प्रथम चरण 7 जूलाई से शुरू है, जो 30 जुलाई तक चलेगा। पूरे वर्ष एचएसवीपी के पाचों जोन में चरणबद्ध तरीके से चलने वाली इस मेगा नीलामी में सेक्टरों में खाली पड़ी सभी प्रकार की प्रॉपर्टी को ई-नीलामी से बेचा जाएगा। एक अनुमान के अनुसार एचएसवीपी के पास पूरे प्रदेश में आवासीय व कॉमर्शियल साइट सहित सभी प्रकार की प्रॉपर्टी को मिलाकर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खाली पड़ी है।
हिसार जोन में आवासीय व कॉमर्शियल को मिलाकर 12830 साइट खाली पड़ी हैं। यदि आवासीय प्लाटों की बात करें तो केवल हिसार व हांसी में 1768 रिहायशी प्लाट खाली पड़े हैं, लेकिन एचएसवीपी द्वारा रिहायशी प्लाटों की बिक्री ई-नीलामी से करने पर ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कड़ा एतराज जताते हुए ड्रा सिस्टम लागू करने की मांग की है।
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हिसार सेक्टर-14 पार्ट के 160 गज के प्लाट की 72 लाख रुपये से ज्यादा लगी बोली
सेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि एचएसवीपी द्वारा 7 जुलाई से शुरू हुई ई-नीलामी में रिहायशी प्लाटों की बहुत ऊंची कीमतों पर बिक्री हुई है। ऑन-लाइन बोली में सेक्टर-14 पार्ट के 160 गज के प्लाट की बिक्री 72 लाख से 75 लाख तक हुई है।
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हिसार व हांसी के सेक्टरों में खाली पड़े रिहायशी प्लाट इस प्रकार हैं
सेक्टर नाम प्लाट संख्या
सेक्टर- 9, 11 = 215
सेक्टर-16,17,13 पी टू = 19
सेक्टर- 24 = 226
सेक्टर- 14 पार्ट व टू = 146
सेक्टर- 13 पी = 7
अर्बन इस्टेट = 0
सेक्टर- 33 = 273
सेक्टर- 3 = 52
सेक्टर- 4 पार्ट टू = 134
सेक्टर- 5 = 150
सेक्टर- 1, 4 = 58
सेक्टर- 15 ए = 2
पीएलए =13
हांसी सेक्टर- 5 = 380
हांसी सेक्टर-6 पी = 21
हांसी 6 पार्ट टू = 72
कुल खाली प्लाट = 1768
नोट- इन रिहायशी प्लाटों में से 7, 8, 9 जुलाई को सेक्टर 14 पार्ट के 3 प्लाटों तथा सेक्टर- 1-4 के 5 प्लाटों की ई-नीलामी से बिक्री हो चुकी है। इसके अलावा सेक्टर 9,11 के 9 प्लाटों व सेक्टर 33 पार्ट वन के 6 प्लाटों, सेक्टर 14 पार्ट टू के 4 प्लाटों, हांसी सेक्टर 6 पार्ट टू के 6 प्लाटों को मिलाकर कुल 25 प्लाटों की ई-नीलामी से दिनांक 22 व 23 जुलाई को बिक्री होगी।
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ये हैं ड्रा सिस्टम के फायदे
ड्रा सिस्टम से निकाले गए प्लाटों में कोई भी व्यक्ति साधारण प्रकिया से प्लाट के लिए आवेदन कर सकता है। ब्रोशर में सभी सेक्टरों के साथ उनके प्लाटों का विवरण व उसकी प्रति गज के हिसाब से पूरी कीमत अंकित होती है। निर्धारित तारीख को सभी सेक्टरों का ड्रा निकाला जाता है। जो व्यक्ति ड्रा में सफल होता है उसे एक साथ प्लाट की कीमत अदा नहीं करनी पड़ती बल्कि 6 वर्षों तक किश्तों में प्लाट की कीमत अदा कर सकता है। इसके विपरीत ई- नीलामी प्रकिया में शामिल होने की प्रकिया बहुत जटिल है। कम पढ़ा- लिखा व्यक्ति इसे फोलो नहीं कर सकता। प्लाट की ऑन लाइन बोली में पैसे वाले लोगों का ही दबदबा रहता है, जो व्यक्ति प्लाट की सबसे ज्यादा कीमत लगाता है, उसी के नाम बोली छूटती है। बोली छूटने के 30 दिन के अन्दर 25 प्रति राशि तथा 90 दिनों में शेष 75 प्रतिशत राशि भरनी पड़ती है, यानि प्लाट की पूरी कीमत 120 दिनों के अन्दर अदा करनी पड़ती है। इसमें प्लाट की कीमत अनिश्चित होती है। बोली किसी भी स्तर पर जा सकती है।
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एचएसवीपी की स्थापना का मूल उद्देश्य 'नो प्रॉफिट-नो लॉस' की पॉलसी पर चलकर लोगों के लिए कम दामों पर रिहायशी प्लाट उपलब्ध करवाना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एचएसवीपी का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो गया है।
- कुलदीप वत्स, प्रदेश अध्यक्ष, सेक्टर एसोसिएशन।