सीएमओ कार्यालय के सामने धरने पर आशा वर्कर
उन्होंने आरोप लगाया कि मांगों व समस्याओं के बारे में उन्होंने बार-बार विभाग को अवगत करवाया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हम 7-9 अगस्त तक हड़ताल पर रह चुके हैं। आशा वर्करों ने सरकार से कोई जवाब ना मिलने पर हड़ताल को चार दिन के लिए बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, हिसार :
जिले की आशा वर्कर ने विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय के सामने धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मांगों व समस्याओं के बारे में उन्होंने बार-बार विभाग को अवगत करवाया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हम 7-9 अगस्त तक हड़ताल पर रह चुके हैं। आशा वर्करों ने सरकार से कोई जवाब ना मिलने पर हड़ताल को चार दिन के लिए बढ़ा दिया है।
आशा वर्करों की मांगें
- जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु सरकारी स्वास्थ्यों के ढांचे को मजबूत किया जाए। साथ ही एनएचएम को स्थायी किया जाए।
- कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4 हजार रुपये दिए जाएं।
- गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटनाओं की शिकार आशा वर्कर को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए।
- आशा वर्कर को सामुदायिक स्तरीय स्थायी कर्मचारी बनाया जाए। जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए और इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। ईएसआइ एवं पीएफ की सुविधा दी जाए।
- आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए।
- 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय लागू किए जाएं।