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दूसरों की मदद की थी, इसलिए मैंढक, ¨झगुर और चुहिया द्वारा अपहरण के बाद भी बच गई थंबलीना

जागरण संवाददाता, हिसार : थंबलीना। टूलिप के फूल से निकली अंगूठे जितनी एक लड़की की कहानी। डेनिश लेखक हं

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 12:01 AM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 12:01 AM (IST)
दूसरों की मदद की थी, इसलिए मैंढक, ¨झगुर और चुहिया द्वारा अपहरण के बाद भी बच गई थंबलीना
दूसरों की मदद की थी, इसलिए मैंढक, ¨झगुर और चुहिया द्वारा अपहरण के बाद भी बच गई थंबलीना

जागरण संवाददाता, हिसार : थंबलीना। टूलिप के फूल से निकली अंगूठे जितनी एक लड़की की कहानी। डेनिश लेखक हंस क्रिश्चियन एंडरसन की ओर से 1835 में लिखित यह काल्पनिक कहानी सीखाती है कि हमें अच्छी भावना के साथ दूसरों की मदद करनी चाहिए। इस कहानी पर मंचित नाटक थंबलीना का बुधवार को ओपी ¨जदल मॉडर्न स्कूल के वार्षिकोत्सव के अवसर पर मंचन किया। वो भी एलकेजी से दूसरी कक्षा तक के 200 विद्यार्थियों द्वारा। एक घंटे और 10 मिनट के इस शानदार नाटक का निर्देशन स्कूल के ही टीचर्स द्वारा किया गया था। कॉस्टयूम, संगीत, कहानी, संवाद से लेकर ए¨क्टग तक सभी विधाएं स्कूल के टीचर और विद्यार्थियों ने ही की। एक महीने में तैयार यह नाटक 8 पार्ट में विभाजित किया गया था। लाइ¨टग और बैकग्राउंड के समावेश के कारण हर दृश्य परियों और फूलों के देश की तरह नजर आ रहा था। इस नाटक में कला-विभाग ने अनुपम मंच-सज्जा की थी। नाटक दौरान दृश्यों को अद्भुत ध्वनि तथा प्रकाश संयोजन की ओर से बेहद मनोरम और रोमांचक बनाया गया था। जिसे देखकर दर्शक भी भाव-विभोर हो गए। इस नाटक में कला-विभाग ने अनुपम मंच-सज्जा की थी। यह थी नाटक की कहानी

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एक महिला की कोई संतान नहीं होती है। तो एक दिन एक परी उसे बीज देकर गमले में डालने को कहती है। जब गमले में खिले फुल को महिला हाथ लगाती है तो उसमें से अंगूठे जितनी एक सुंदर छोटी बच्ची पैदा होती है। एक बार एक मेंढक ने उसका अपहरण कर लिया और उसकी सुंदरता को देखते हुए अपने बेटे से शादी करवाने की ठानी। थंबलीना डर गई। इस दौरान एक तितली ने उसे बचा लिया और उसे फूलों के शहर में छोड़ दिया। यहां भी एक ¨झगुर ने उसका अपहरण किया, लेकिन थंबलीना यहां से निकल गई और एक चुहिया के बिल के पास जा पहुंची। यहां मौजूद चूहे का उस पर दिल आ गया। इस बीच थंबलीना एक घायल चिड़िया की सहायता करती है। अंत में वही चिड़िया थंबलिना को उस चूहे से आजाद करवाती है और एक फूलों के देश में छोड़ देती है। यहां उसे फुलों के देश का राजकुमार मिलता है। ओपी ¨जदल मॉडर्न स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण महोत्सव का शुभारंभ स्कूल प्रधानाचार्या डा. ¨सथिया गोम्स ने किया। चार दिवसीय समारोह के पहले दिन दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय मुरथल के कुलपति राजेंद्र कुमार अनायत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्मानित किया और विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत नाटक की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्रों का अभिनय, वेशभूषा तथा संवाद श्रेष्ठ थे तथा प्रकाश व्यवस्था और संगीत निर्देशन अत्यंत सराहनीय था। इससे पहले विद्यालय की उपप्रधानाचार्या अंजना गुप्ता ने अतिथियों अभिनंदन किया। ब्लॉक हेड मीतू ने शैक्षणिक, सांस्कृतिक तथा खेल गतिविधियों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत की। वीरवार को दूसरे दिन कृष्ण नाटक, तीसरे दिन अंग्रेजी नाटक अलीबाबा एंड फोर्टी थिव्स तथा चौथे दिन प्रसिद्ध हिन्दी नाटक पृथ्वीराज चौहान का मंचन किया जाएगा।


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