पेटवाड़ गोली कांड हादसे में अनिल ने एक ही रिवाल्वर से चलाई थीं 12 गोलियां
संवाद सहयोगी नारनौंद गांव पेटवाड़ में हुए गोली कांड को लेकर पुलिस अलग-अलग पहलुओं प
संवाद सहयोगी, नारनौंद :
गांव पेटवाड़ में हुए गोली कांड को लेकर पुलिस अलग-अलग पहलुओं पर जांच करने में जुटी हुई है। लेकिन अभी तक इस हत्याकांड की सही तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि आखिरकार अनिल ने अपने ही परिजनों पर ताबड़तोड़ गोलियां क्यों चलाईं। इस हादसे में अनिल व उसकी भतीजी पूजा की मौत हो गई। पुलिस ने देर रात दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया और परिजनों ने रात को ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया।
परिजनों के अनुसार अनिल उर्फ लीलू मानसिक रूप से परेशान रहता था और एक सप्ताह पहले ही वो नारनौंद थाने में जमा अपने लाइसेंसी रिवाल्वर व डोगा बंदूख घर ले गया था। वीरवार की सुबह हुए झगड़े में अनिल ने रिवाल्वर से ही 12 गोलियां चलाईं। छह गोलियां खत्म होने के बाद वह तुरंत ही एक बार फिर से अपने रिवाल्वर में 6 गोलियां और लोड करके बड़े भाई रमेश के घर पर हमला करने पहुंचा था। पुलिस ने 6 गोलियां की खोल एक ही जगह से बरामद की हैं। जबकि 6 खोल रिवाल्वर के अंदर ही मिले। इस कांड में घायल हुई अनिल की पत्नी सुमन, रमेश की लड़की पुनीत व रमेश का इलाज हिसार के एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जिनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस इस मामले की बारिकी से जांच करने में जुटी हुई है। पुलिस ने डोगा बंदूक को जांच के लिए भेजा है कि इससे भी कोई गोली चलाई गई है या नहीं। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में ये साफ नहीं हो पाया कि अनिल की मौत कैसे हुई है। इसके लिए डाक्टरों के एक बोर्ड ने बिसरा लेकर जांच के लिए मधुबन लैब में भेज दिया है।
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थाना प्रभारी दलबीर सिंह लाठर ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। मृतक अनिल की पत्नी सुमन अभी तक बयान देने की हालत में नहीं है। उसके बयान होने के बाद ही पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ पाएगा।