आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर यूनियन ने दिखाए काले झंडे, सीएम का फूंका पुतला
संवाद सहयोगी, हिसार : विभिन्न मांगों को लेकर वीरवार को आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स यूनियन ने लघु सच
संवाद सहयोगी, हिसार : विभिन्न मांगों को लेकर वीरवार को आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स यूनियन ने लघु सचिवालय के बाहर काले झंडे दिखाकर काला दिवस मनाया। इसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर बाद वर्कर्स राजगढ़ रोड से फव्वारा चौक पर पहुंच गए और उन्होंने सीएम मनोहर लाल का पुतला फूंका। आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वे आगे चलकर आंदोलन को तेज करेंगे। वर्कर्स ने सरकार पर सवाल दागते हुए बताया कि मानदेय बढ़ौतरी के नाम पर सरकार ने धोखेबाजी की है। हर बार सरकार मांगों को लेकर आश्वासन देता रहा है, लेकिन जब लागू करने की बात आए तो सभी शून्य। जिला अध्यक्ष विमला राठी ने कहा है कि वे 12 फरवरी से मांगों को लेकर प्रदर्शन पर है, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तब तक आंगनबाड़ी और हेल्पर्स यूनियन आंदोलनरत रहेगी।
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ये हैं मुख्य मांगें
- सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
- आंगनबाड़ी वर्कर्स को तीसरे एवं हेल्पर्स को चौथे दर्जे में शामिल किया जाए और न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये दिया जाए। मानदेय का भुगतान नियमित हो।
- शहरों में आंगनबाड़ी केन्द्र का किराया 6 हजार व गांवो में 3 हजार मासिक हो व नियमित रूप से किया जाए।
- गर्मी-सर्दियों की छुट्टियां सरकारी स्कूलों के अनुसार की जाए।
- राशन की सप्लाई मीनू के हिसाब से व पूरे तोल के अनुसार दी जाए।
- आंगनबाड़ी केन्द्रों में खाना मदर ग्रुप द्वारा ही बनवाया जाए व मेहनताने में वृद्धि की जाए।
- आंगनबाड़ी केन्द्रों में सरकार द्वारा हाजिरी सुनिश्चित करवाई जाए।
- हेल्पर से वर्कर व हेल्पर से सुपरवाइजर पदोन्नति की जाए।
- हेल्पर की वर्दी का रंग बदला जाए।
- निजीकरण पर रोक लगे व विभाग के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाए।
- आइसीडीएस में डिब्बा बंद भोजन व प्रत्यक्ष-सशर्त केश ट्रांसफर को लागू करने पर रोक लगाई जाए।