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ताई स्वदेश, मां और नानी ने गोल्डन ब्वॉय को दुलारा तो खुशी के मारे अमित के छलक गए आंसू

एशियन गेम्स में गोल्डन पंच लगाने वाले अमित खुली जीप में गुरुग्राम से रोहतक पहुंचे। अमित पंघाल को लोगों ने अपनी पलकों पर बैठा लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 01:46 PM (IST)
ताई स्वदेश, मां और नानी ने गोल्डन ब्वॉय को दुलारा तो खुशी के मारे अमित के छलक गए आंसू
ताई स्वदेश, मां और नानी ने गोल्डन ब्वॉय को दुलारा तो खुशी के मारे अमित के छलक गए आंसू

जेएनएन, रोहतक :

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एशियन गेम्स में गोल्डन पंच लगाने वाले अमित खुली जीप में गुरुग्राम से रोहतक पहुंचे। अमित पंघाल को लोगों ने अपनी पलकों पर बैठा लिया। ताई स्वदेश ने सबसे पहले दुलार किया। मा ऊषा, मौसी संतोष, चाची सुमन और नानी मायावती ने गले लगाया तो आसू छलछला पड़े। ग्रामीणों ने ढोल और नगाड़ों पर डास कर स्वागत किया। इस दौरान गोल्डन ब्वॉय अमित पंघाल ने अपनी जीत का श्रेय कोच अनिल धनखड़ को दिया। वहीं, कोच अनिल धनखड़ ने बताया कि एक सैनिक कभी हार नहीं मानता है। इसलिए हमने रणनीति बनाई। प्रतिद्वंदी से एक बार हार चुके थे इसलिए दोबारा से कोई चूक नहीं होने देना चाहते थे। इसके लिए नामी मुक्केबाजों से भी टिप्स लिए और वीडियो देखे। प्रतिद्वंदी की खूबियों और कमियों की ओर ध्यान दिया और उसी के हिसाब से अभ्यास किया। जो रिंग में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ।

स्वागत के दौरान ही गोल्डन ब्वॉय अमित पंघाल और कोच अनिल धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत की। सुबह करीब साढ़े दस बजे पहुंचे गोल्डन ब्वॉय के स्वागत के लिए मायना से लेकर शहर तक के लोग जुटे हुए थे। प्रशासन की ओर से सीटीएम महेंद्र पाल और एसडीएम राकेश कुमार ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। पत्रकार वार्ता के दौरान अमित ने बताया कि रिंग के अंदर सिर्फ एक ही बात दिमाग में चल रही थी कि इसे हराना है। रिंग में उतरने से पहले खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत किया था। प्रतिद्वंदी से निपटने के लिए कड़ी मेहनत की। इसके लिए अमित ने कोच को श्रेय देते हुए बताया कि उन्होंने ही उसे इस काबिल बनाया कि वह गोल्ड जीत सका। वहीं, कोच अनिल धनखड़ ने अमित की जीत का श्रेय देशवासियों को देते हुए कहा कि फेडरेशन ने उस पर विश्वास जताया। उसे मौका दिया। अमित के जीतने के लिए कई देशवासियों ने व्रत भी रखा था। इसमें दुआएं भी काम आई। आखिर में उन्होंने बताया कि एक सैनिक कभी भी हार नहीं मानता है। इसलिए अमित ने भी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि यह जच्बा बरकरार रहेगा और ओलंपिक में गोल्ड जीतने का लक्ष्य है। इस दौरान गाव की महिलाएं हाथ में तिरंगा लेकर पहुंची थी।

अब पहले से ही अमित के स्वागत की तैयारियां थी, जीत की खुशी में देसी घी की मिठाइयों से लोगों को मुहं मीठा करवाया जाएगा। देसी घी की मिठाई में पांच तरह के पकवान होंगे और अमित के लिए अलग से खीर चूरमा बनाया जाएगा।


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