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हाथ टूटा, आवाज चली गई फिर भी नहीं मानी हार, अब दिव्यांग अमन ने एशिया में चमकाया नाम

सात साल की उम्र में दिव्‍यांग हुए अमन का खेल के प्रति उसका जुनून ही था कि अब मलेशिया के कुलालमपुर में दूसरी एशिया पैरा लोन बॉल चैंपियनशिप में चौथा स्थान हासिल किया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 03:07 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 03:07 PM (IST)
हाथ टूटा, आवाज चली गई फिर भी नहीं मानी हार, अब दिव्यांग अमन ने एशिया में चमकाया नाम

हिसार, जेएनएन। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। दुष्यंत कुमार की ये पक्तियां हिसार के गांव चौधरीवास निवासी अमन पर एकदम स्टीक बैठती हैं। साल 2007 में एक सड़क हादसे में अमन का हाथ टूट गया। आवाज चली गई और सिर में चोट के कारण मानसिक रूप से कमजोर हो गया। यह खेल के प्रति उसका जुनून ही था कि अब मलेशिया के कुलालमपुर में दूसरी एशिया पैरा लोन बॉल चैंपियनशिप में चौथा स्थान हासिल किया है।

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गांव चौधरीवास निवासी अमन आठ साल का था, तब साल 2007 में एक सड़क हादसे में वह दिव्यांग हो गया। अमन घर में ही रहने लगा। बेटे की हालत बिगड़ती देख अमन के पिता धर्मवीर को समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें। अमन कई दिनों तक घर में अकेला रहा। दिव्यांगता के कारण वह तनाव में आने लगा। अमन की उस हालत को देखते हुए परिवार ने उसे बार-बार बाहर बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया लेकिन उसका प्रयास सफल नहीं रहा। ऐसे में एक दिन धर्मवीर ने अपने बेटे को खाली मैदान में गेंद के साथ खेलते हुए देखा। गेंद को फेंकने में अमन को खुशी मिलती थी। धर्मवीर पीटीआइ हैं।

बेटे की उसी पसंद को धर्मवीर ने तवज्जो दी और उसे गेंद फेंकने के लिए प्रेरित करने लगा। बेटे का खेल के प्रति रुझान बढ़े इसके लिए धर्मवीर साल 2010 में स्कूल की ड्यूटी से आने के बाद अपने बेटे को कभी महाबीर स्टेडियम में तो कभी एचएयू यूनिवर्सिटी के गिरी सेंटर मैदान पर खेलते खिलाड़ी दिखाने के लिए लेकर आता। दूसरे बच्चों को खेलता देख अमन में भी खेल के प्रति रुचि बढऩे लगी। पीटीआइ धर्मवीर ने बताया कि साल 2018 और साल 2019 में अमन ने हरियाणा स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में पदक हासिल किए। अमन हरियाणा स्तर की चैंपियनशिप में विजेता रहा है।

अब पैरा लोन बॉल चैंपियनशिप में भाग लिया, जिसमें एशिया में चौथे स्थान पर रहा। वहीं एक दिसंबर को हिसार एस्टोट्रर्फ पर आयोजित राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में भी प्रथम रहा। अमन तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर है। अमन की मां शीला राजकीय स्कूल चौधरीवास में चतुर्थी श्रेणी कर्मचारी हैं। धर्मवीर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनका बेटा एशिया में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है। अमन ने देश व विदेश में हमारे परिवार को सम्मान दिलाया है।


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