Move to Jagran APP

Agriculture Bill 2020 Protest: मय्यड़ में किसानों ने किया रोड जाम, दल बल के साथ पुलिस मौके पर

Agriculture Bill 2020 Protest तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ व अन्‍य मांगों को लेकर किसानों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू किया हुआ है। हिसार में मय्यड़ में किसान जुटे हुए हैं

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 01:25 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 01:25 PM (IST)
Agriculture Bill 2020 Protest: मय्यड़ में किसानों ने किया रोड जाम, दल बल के साथ पुलिस मौके पर
Agriculture Bill 2020 Protest: मय्यड़ में किसानों ने किया रोड जाम, दल बल के साथ पुलिस मौके पर

हिसार, जेएनएन। Agriculture Bill 2020 Protest तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ व अन्‍य मांगों को लेकर किसानों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू किया हुआ है। हिसार में मय्यड़ में किसान जुटे हुए हैं और हिसार दिल्‍ली हाईवे को 15 मिनट के लिए जाम किया है। किसान पहले तो रोड जाम करने का लेकर संशय में रहे फिर रोड जाम करने का फैसला लिया गया। कम संख्‍या में किसान होने के चलते किसानों के बीच रोड जाम करने की बात को लेकर गहमा गहमी भी हुई। फिर प्रदर्शन के तौर पर 15 मिनट के लिए रोड जाम करने का फैसला लिया गया।

loksabha election banner

इस दौरान भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है। वहीं पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। मगर प्रदर्शन शांतिपूण तरीके से हो रहा है। किसानों के धरनास्‍थल पर पहुंचने की उम्‍मीद कम थी मगर उम्‍मीद के मुताबिक न हो सका और कम ही किसान पहुंचे। तपती धूप में पुलिस को भी हल्‍की राहत मिली और हालत आसानी से काबू में हो गए।

बता दें कि तीन दिन पहले ही किसान महासभा के प्रदेश अध्‍यक्ष गुरुनाम सिंह चढूनी हिसार पहुंचे थे और उन्‍होंने 20 सितंबर को सरकार के विरोध में प्रदेशभर में रोड जाम करने की बात कही थी। साथ ही 25 सितंबर को देश बंद करने का ऐलान भी किया। तीन कृषि अध्‍यादेश लोकसभा में पास होने के बाद अब विधेयक बन चुके हैं। सरकार इसे किसानों के पक्ष में बता रही है मगर किसान इसे विरोधी बता रहे हैं।

रविवार को 12 बजे से लेकर 3 बजे कि बीच में रोड जाम करने की घोषणा कुछ जिलों में प्रभावी रूप से लागू की जा सकी तो  कुछ जिलों में इसका प्रभाव कम देखने को मिला। फतेहाबाद, रोहतक, अंबाला, सिरसा में किसानों की संख्‍या ज्‍यादा रही। वहीं हिसार में किसानों की संख्‍या बेहद कम रही। रविवार को पिपली की तरह कहीं भी बेकाबू हालात देखने को नहीं मिले। न ही पुलिस काे लाठीचार्ज करना पड़ा और किसानों ने भी अपनी बातें बेहद शांतिमय ढंग से रखी।

क्यों हो रहा तीन विधेयकों विरोध

किसान संगठन, किसान व कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दल इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे है। विरोध के पीछे तर्क है कि इससे मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और निजी कारोबारियों या बाहरी कंपनियों की मनमानी बढ़ जाएगी। एमएसपी यानि न्‍यूनतम खरीद मूल्‍य सही ढंग से लागू नहीं होगा।  साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि किसानों की जमीन या खेती पर प्राइवेट कंपनियों का अधिकार हो जाएगा और किसान मजबूर व मजदूर बनकर रह जाएगा। ये भी कहा जा रहा है कि उपज के स्टोरेज से कालाबाजारी भी बढ़ेगी और बड़े कारोबारी इसका लाभ उठाएंगे। ये भी कहा जा रहा है कि जब मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा तो किसान पूरी तरफ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा। इसका नतीजा ये होगा कि बड़ी कंपनियां ही फसलों की कीमत तय करेंगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.