मौसमी गर्मी से ज्यादा ऊपर जा चुका है चुनावी तापमान, लंबे समय इंतजार के बाद मिलेगी शहर को नई सरकार
बहादुरगढ़ नगर परिषद के लिए अब चुनाव हो रहे हैं तो राजनीतिक पारा ज्यादा चढ़ चुका है। इस बार आरक्षण को लेकर यहां पर कई बार माहौल बदला है। शहर के लोगों को पूरे एक साल के इंतजार के बाद लोगों को शहर की नई सरकार मिलने वाली है।
बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ में पूरे एक साल के इंतजार के बाद लोगों को शहर की नई सरकार मिलेगी। यहां की 31 सदस्यों की नगर परिषद में पिछले बोर्ड का कार्यकाल जून 2021 में खत्म हुआ था। उसके बाद से कानूनी मसले के चलते पूरा एक साल निकल गया। अब चुनाव हो रहे हैं तो राजनीतिक तापमान ज्यादा चढ़़ चुका है। इस बार आरक्षण को लेकर यहां पर कई बार माहौल बदला है।
पहले तो यहां नप अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था, लेकिन उसका नोटिफिकेशन समय से जारी नहीं किया गया था। बाद में सरकार की ओर से जब नोटिफिकेशन कर दिया तो पिछड़ा वर्ग से सभी पार्टियों के दावेदार मैदान में आ गए थे। मगर कोर्ट के फैसले बाद यह आरक्षण रद हो गया। उसके बाद सामान्य वर्ग के दावेदार भी अपनी मांद से निकल आए, लेेेकिन फिर इस पद काे सामान्य महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया।
इस तरह से यह चुनाव न तो पुरुष दावेदारों के बीच और न ही पिछ़ड़ा वर्ग के बीच बंधा रह सका और कई बार दावेदारों के पोस्टरों को बदला गया। अब चूंकि किसी भी वर्ग की महिला प्रत्याशी बन सकती है तो यहां पर दावेदारों की कोई कमी नहीं है, लेकिन यह अहम बात है कि कानूनी मसले के चलते ये चुनाव एक साल इंतजार के बाद हो रहे हैं। पिछले साल जुलाई में ही इन चुनावाें की उम्मीद थी, मगर पहले तो सरकार की तरफ से कुछ दिन बिता दिए गए और बाद में ड्रा के माध्यम से ओबीसी का आरक्षण तय कर दिया था।
दूसरी ओर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में अब केवल एक दिन बीच में है। सोमवार से तो नामांकन शुरू हो जाएंगे लेकिन अभी तक इनेलो को छोड़कर किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। सभी पार्टियां अपनी तरफ से तो मजबूत दावेदार का चयन करने में जुटी हैं, जिसे उम्मीदवार के तौर पर उतारा जा सके। बाकी तो यह जनता तय करेगी कि कौन मजबूत है और कौन कमजोर।