विकास शुल्क देने के बाद ही होगा नक्शा पास
जागरण संवाददाता, हिसार : सरकार की ओर से प्रदेश में अवैध कालोनियों को तेजी से वैध किया जा
जागरण संवाददाता, हिसार : सरकार की ओर से प्रदेश में अवैध कालोनियों को तेजी से वैध किया जा रहा है। 700 के आसपास कालोनियों को वैध किया जा चुका है। बड़े स्तर पर कालोनियों को वैध करने के बाद नियमों में बदलाव का दौर भी शुरू हो गया है। पहले जहां अवैध से वैध की गई कालोनियों को 50 फीसद विकास शुल्क जमा करवाना था। अब यह शर्त हटा दी गई है। मेयर चुनावों के मद्देनजर अब कालोनियों के विकास कार्यों के लिए कोई नियम आड़े नहीं आएगा।
इसके लिए लोगों को नक्शा पास करवाने और एनओसी लेने के लिए विकास शुल्क जमा करवाना होगा। यानी की बिना विकास शुल्क के न नक्शा पास होगा और न ही एनओसी दी जाएगी। हिसार की 14 कालोनियों पर यह नियम लागू किया गया है।
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यह थी शर्त
शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से अवैध कालोनियों को वैध करने संबंधी एक शर्त लागू की गई थी। शर्त के अनुसार कालोनियों में गलियां, सीवरेज और पेयजल लाइन आदि डालने से पूर्व विकास शुल्क कालोनी वासियों को जमा करवाना होगा। जिन कालोनियों की आरडब्ल्यूए 50 फीसद विकास शुल्क जमा करवाएगी। उन्हीं में विकास कार्य करवाए जाएंगे। इस शर्त के बाद 16 अवैध कालोनियों में से दस कालोनियों ने आरडब्ल्यूए का निर्माण कर आवेदन कर दिया था। इनमें से 14 कालोनियों को ही सरकार ने वैध करने की अनुमति दी। दो कालोनियों को नियमानुसार पाया नहीं गया था7
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क्यों जरूरत होती है नक्शे या एनओसी की मकान के निर्माण से पूर्व नक्शा बनवाना जरूरी है। यह यूएलबी के नियमों में आता है। नक्शा बनने के बाद ही बैंक लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर एनओसी यानी नो आब्जेक्शन सर्टीफिकेट निगम देता है। यह वैध कालोनियों को ही दिया जाता है। अवैध कालोनियों को नहीं दिया जाता है।
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वर्जन :::
- वैध हुईं 14 कालोनियों में 50 फीसद विकास शुल्क जमा करवाने के बाद ही विकास कार्य किए जाने वाली शर्त को हटा दिया गया है। अब केवल नक्शा पास करवाने और एनओसी के दौरान ही विकास शुल्क जमा करवाना होगा।
- अमित बेरवाल, बीआइ, नगर निगम।