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हिसार में 10 साल बाद डबल मर्डर केस में आया फैसला, 12 लोगों को दोषी माना, 15 को सुनाई जाएगी सजा

शामलात की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में वीरवार को एडीजे गुरविंद्र सिंह वधवा की अदालत ने 12 लोगों को दोषी करार दिया। दोषियों को अदालत 15 फरवरी को सजा सुनाएगी। इस मामले में 28 फरवरी 2010 को थाने में केस दर्ज किया गया था।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 05:39 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 05:39 PM (IST)
हिसार में 10 साल बाद डबल मर्डर केस में आया फैसला, 12 लोगों को दोषी माना, 15 को सुनाई जाएगी सजा
2010 में हिसार के गांव बड़छप्पर में झगड़े के दौरान हुए डबल मर्डर में फैसला सुनाया गया है

हिसार, जेएनएन। वर्ष 2010 में हुए गांव बड़छप्पर में शामलात की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में वीरवार को एडीजे गुरविंद्र सिंह वधवा की अदालत ने 12 लोगों को दोषी करार दिया। दोषियों को अदालत 15 फरवरी को सजा सुनाएगी। इस मामले में 28 फरवरी 2010 को बड़छप्पर निवासी रामकेश की शिकायत पर नारनौंद थाने में केस दर्ज किया गया था। इस खूनी संघर्ष में दो लोगों की मौत हुई थी। बाद में इस केस को बास थाना में शिफ्ट कर दिया था। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307, 148, 149, 120बी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

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इस मामले में गांव बड़छप्पर के रामकेश के बयान पर केस दर्ज हुआ था। शिकायत में रामकेश ने बताया था कि गांव बड़छप्पर पर में हाई स्कूल के सामने शामलात की भूमि है। इस जमीन के साथ उसके स्वजनों की जमीन लगती है। गांव के ही परसराम और ओमप्रकाश उसकी कड़ियों व शामलात भूमि पर कब्जा करना चाहते थे। इस मामले में पंचायत भी हुई मगर कोई हल नहीं निकला। 27 फरवरी 2010 की रात परसराम, ओमप्रकाश, विजेंद्र उर्फ काकू, माला, मोहनी, भीलू, कृष्ण, सुरेंद्र, देवीराम, नवीन, सोनू, चांद, गंगादत्त, परसराम का बहनोई व चार-पांच अन्य ने शामलात भूमि व उसकी कड़ियों पर कब्जा करना चाहा।

उस दौरान उनके हाथ में पिस्तौल व डंडे, जेली व कस्सी थे। रामकेश ने बताया था कि जब उसे इस बात का पता चला तो वह अपने भाई बलराज, पिता भवासी राम, चचेरे भाई संजय, मनोज उर्फ विनोद, कुलदीप, सुरेंद्र, पृथ्वी, परवेल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उस दौरान वहां मौजूद कमल ने ललकारा मारते हुए मजा चखाने की बात कही। रामकेश का आरोप था कि कमल के ललकारा मारते ही सभी आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।

ये किए गए दोषी करार

अदालत ने इस मामले में बड़छप्पर निवासी भोलू, सुरेंद्र, देवीराम, मोहन उर्फ मोहिनी, ‌विजेंद्र, गंगादत्त, कमल सिंह, माला, कृष्ण, परसराम, जींद के गांगोली निवासी सोनू और निदाना निवासी जीवन को दोषी करार दिया है।

फायरिंग में कई हो गए थे घायल

इस खूनी संघर्ष के दौरान फायरिंग में मनोज उर्फ विनोद, रामकेश, संजय और सुंदर, कुलदीप, महिपाल, परवेल, पृथ्वी बुरी तरह जख्मी हो गए थे। गोलियों की आवाज सुनकर गांववासी मौके पर पहुंचे तो आरोपी मौके से फरार हो गए थे। उस दौरान संजय ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था बाकी सभी को जख्मी हालत में पीजीआई रोहतक रेफर किया गया था। पीजीआई में इलाज के दौरान मनोज उर्फ विनोद ने भी दम तोड़ दिया था।


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