फसल लागत पर 50 फीसद अधिक मूल्य देने से किसानों की आय हो सकेगी दोगुनी
चेयरमैन डॉ. यादव बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय के जिला सभागार में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा राज्य किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. रमेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल खरीफ फसलों के समर्थन मूल्यों में जो
बढ़ोतरी की है वह किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में हुई बढ़ोतरी के बाद डॉ. स्वामीनाथन द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार किसानों को फसल लागत पर 50 फीसद अधिक मूल्य मिलेगा जिससे उनकी खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होगा। चेयरमैन डॉ. यादव बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय के जिला सभागार में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. रमेश यादव ने कहा कि कल प्रधानमंत्री ने 15 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है जिसमें धान, बाजरा, मक्का, क
पास, तिलहन व दलहन की फसलें शामिल हैं। धान की फसल में
200 रुपये प्रति ¨क्वटल की बढ़ोतरी होने से किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 6 हजार रुपये का सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि मूंग में 1400 रुपये प्रति ¨क्वटल, बाजरा में 525 रुपये और ज्वार में 730 रुपये प्रति ¨क्वटल की बढ़ोतरी की गई है।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डॉ. विनोद फौगाट भी मौजूद थे। धान के अवशेषों से भी कमाएंगे किसान
उन्होंने बताया कि धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के साथ-साथ इसके अवशेषों को भी किसानों की आमदनी का माध्यम बनाया जाएगा।
सरकार का प्रयास है कि पराली प्रबंधन के माध्यम से पराली को एकत्र करके इसकी बिक्री की जाए। किसानों से 55 रुपये प्रति ¨क्वटल पराली खरीदने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों के लिए खंड स्तर पर कस्टम हाय¨रग सेंटर खोले जा रहे हैं जिनके माध्यम से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। साल में 2 किलो शहद खाना जरूरी, अभी खा रहे 20 ग्राम
उन्होंने बताया कि किसान आयोग ने किसानों के हित में प्रदेश सरकार को 14 रिपोर्ट बनाकर जमा करवाई हैं जिन्हें क्रमबद्ध ढंग से लागू क
रने पर विचार किया जा रहा है। इनमें एक महत्वपूर्ण योजना शहद उत्पादन की भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर मधुक्रांति योजना के तहत प्रदेश में शहद के उत्पादन को सौ गुना तक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मनुष्य को कम से कम 2 किलोग्राम शहद प्रतिवर्ष जरूर अपने भोजन में शामिल करना चाहिए जिसकी मात्रा अभी केवल 20 ग्राम प्रतिवर्ष तक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश में कुरुक्षेत्र के पास रामनगर में एक आधुनिक केंद्र खोला जा रहा है जो देश का पहला केंद्र होगा और इसे इंडो-इजराइल सहयोग से विकसित किया जाएगा।