स्नातक कोर्स में बैकफुट पर एचएयू, वापस लिया मेरिट से दाखिले का फैसला
परा स्नातक कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही लिया जाना है। इसके लिए छह नौ 12 16 सितंबर को प्रवेश परीक्षा का समय रखा गया है। करीब तीन हजार अभ्यर्थियों की चार अलग-अलग दिनों में परीक्षा ली जाएगी। विवि ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अभी तक स्नातक कोर्स में मेरिट पर दाखिला लेने जा रहा था, मगर अब अचानक से इस फैसले को रद कर दिया गया है। अब स्नातक में दाखिले कैसे होंगे, इसका फैसला सरकार पर छोड़ दिया गया है। विवि के इस फैसले के बाद स्नातक कोर्स में दाखिले लेने वाले छात्रों को राहत मिल गई है। कोरोना के कारण कई बार इस फैसले को बदला गया है। पहले ऑनलाइन परीक्षा की बात चल रही थी फिर इस प्रपोजल को भी रद कर दिया गया था।
परा स्नातक कोर्स में प्रवेश परीक्षा की तारीख तय
परा स्नातक कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही लिया जाना है। इसके लिए छह, नौ, 12, 16 सितंबर को प्रवेश परीक्षा का समय रखा गया है। करीब तीन हजार अभ्यर्थियों की चार अलग-अलग दिनों में परीक्षा ली जाएगी। विवि ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है।
कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे थे अभ्यर्थी
एचएयू प्रदेश का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है, यहां प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के प्रदेशों से भी छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। इसमें दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा होती रही है, इस दफा पहली बार एचएयू स्नातक में मेरिट के आधार पर दाखिला लेने का फैसला ले लिया था। स्नातक कोर्स के अभ्यर्थियों को जैसे ही इस बात का पता चला तो उन्हें अपना नुकसान होता दिखाई दिया। क्योंकि कई छात्र प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते थे, जबकि 12वीं में किसी कारण से उन्हें कम अंक मिले हैं। इसके साथ ही दूसरे राज्यों के बोर्ड की मार्किंग प्रक्रिया अलग-अलग है, इससे हरियाणा के छात्रों को नुकसान होता। इसको लेकर छात्रों ने ऑनलाइन विरोध शुरू भी कर दिया था, इसके साथ ही अभिभावकों के साथ इस फैसले के खिलाफ छात्र कोर्ट तक जाने की तैयार थे। बहरहाल सही समय पर विवि ने अपने फैसले को वापस ले लिया। दूसरे विवि को देखकर ही लिया फैसला
इस मामले को लेकर एचएयू के कुलपति प्रो. समर सिंह का कहना है कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सहित अन्य विवि ने भी स्नातक में मेरिट के आधार पर दाखिला लेने का फैसला लिया था। इसी आधार पर एचएयू ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया। अब इस फैसले को बदलना पड़ रहा है। कुलपति ने बताया कि उन्होंने सरकार को इस बाबत पत्र लिखा है ताकि वह जल्द से जल्द दाखिले की प्रक्रिया में स्थिति स्पष्ट कर सकें।