भीख मांगने वाले बच्चों का स्कूल में कराया दाखिला तो टीचर बोले- ये पढ़ाई में कैसे चलेंगे, आज हैं टॉपर
हांसी में एक परिवार ऐसा भी जिन्होंने ऐसे बच्चों से न केवल भीख मांगना छुड़वाया बल्कि उनके जीवन में शिक्षा का चिराग जलाया।
पंकज नागपाल, हांसी : रास्ते में भीख मांगने वाले बच्चों को देख भीख न मांगना छोड़ स्कूल जाने की नसीहत तो हम आमतौर पर देते हैं। मगर हांसी में एक परिवार ऐसा भी जिन्होंने ऐसे बच्चों से न केवल भीख मांगना छुड़वाया बल्कि उनके जीवन में शिक्षा का चिराग जलाया। खुराना दंपती पर घर व कार्यालय में भीख मांगने के लिए प्रतिदिन आने वाले बच्चों को शिक्षित करने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि देखते ही देखते बच्चों को भीख मांगने के कार्य से छुटकारा दिलाकर उन्हें शिक्षित करने का कारवां बढ़ता चला गया। आलम यह है कि पिछले तीन साल में करीब 150 बच्चों को तो वो प्राथमिक स्तर पर शिक्षित कर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा चुके हैं। 25 से 30 बच्चे अब भी उनके घर पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रतिदिन आते हैं। हम बात कर रहे हैं हांसी के मॉडल टाउन निवासी एवं आनंद लॉज के मालिक राहुल खुराना व उनकी पत्नी सीमा खुराना की। जिन्होंने गरीब व बेसहारा बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है।
राहुल खुराना ने बताया कि उनके घर व कार्यालय में चार साल पहले बच्चे भीक्षा मांगने के लिए आते थे। जिस पर उन्हें ख्याल आया कि गरीबी के कारण भीख मांगने को मजबूर इन नन्हे-मुन्ने बच्चों के हाथों में कटोरे की बजाए किताबें होनी चाहिए। बस फिर क्या था, खुराना ने इन बच्चों को शिक्षित करने की ठान ली और पत्नी के साथ मिलकर एक के बाद एक बेसहारा बच्चों को एकत्रित कर उन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया। बच्चों को शिक्षित करने के इस कार्य से पड़ोस में रहने वाली महिला रीटा गर्ग भी इतनी प्रेरित हुई कि उन्होंने खुराना के घर पर आकर बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देना शुरू कर दिया है। बच्चों को शिक्षा दे रहे सीमा खुराना ने बताया कि वे अब तक 150 बच्चों को प्राथमिक स्तर पर शिक्षित कर सरकारी स्कूलों में उनका दाखिला करवा चुके हैं और 25 से 30 बच्चों अब भी उनके पास शिक्षा प्राप्त करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गरीब व बेसहारा बच्चों के हाथों में किताबें देकर उन्हें साक्षर बनाने में वो कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
उनके पढ़ाए बच्चे आज स्कूल में कर रहे टॉप
राहुल खुराना ने बताया कि तीन साल पहले जिन बच्चों को उनकी पत्नी सीमा खुराना ने भीख मांगने के काम से छुटकारा दिलवाकर पढ़ाना शुरू किया और बाद में सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया था। दूसरी से चौथी कक्षा में वो बच्चे अब अच्छे अंक प्राप्त कर अपनी क्लास में टॉप कर रहे हैं। खुराना ने बताया कि तीन साल पहले सरकारी स्कूल के अध्यापक इन बच्चों को देखकर कहते थे कि ये बच्चे पढ़ाई में कैसे चल सकेंगे, वही बच्चे आज सम्पन्न परिवारों के बच्चों को पढ़ाई के मामले में पछाड़ रहे हैं।