हिसार सीवरेज मामला, मिलीभगत से पानी करवा रहे थे चोरी, पोल खुली तो सबूत मिटाने में जुटा प्रशासन
हिसार के गांव गंगवा में राजकीय स्कूल के सामने बने जिस मैनहोल में दो लोगों की मौत हुई वहां पर जनस्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी चोरी के लिए लगाए गए पाइप के सबूत जुटाए और पाइप को तोड़कर सीवरेज मैनहोल से बाहर निकाला।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के गांव गंगवा के पास सीवरेज मैनहोल में दो लोगों की मौत ने पानी चोरी के मामले को उजागर कर दिया है। इस मामले में सामने आया कि जनस्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से सीवरेज का पानी बिना ट्रीट किए खेतों तक पहुंच रहा था। विभाग की मिलीभगत इसलिए कि मैनहोल से छह इंची पाइप प्लानिंग के तहत दो अलग अलग स्थानों से सड़क के नीचे से किनारे तक पहुंचाई हुई थी। इन्हीं के माध्यम से सीवरेज का पानी खेतों तक डाला जा रहा था। मामला सार्वजनिक होते ही जनस्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
पानी चोरी के कहीं सबूत जुटाने कहीं मिटाने का चला खेल
गांव गंगवा में राजकीय स्कूल के सामने बने जिस मैनहोल में दो लोगों की मौत हुई वहां पर जनस्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी चोरी के लिए लगाए गए पाइप के सबूत जुटाए और पाइप को तोड़कर सीवरेज मैनहोल से बाहर निकाला। इससे कुछ ही दूरी पर डा. भीम राव आंबेडकर चौक के पास सीवरेज के मैनहोल से भी पानी चोरी के लिए पाइप लगाया हुआ था।जिसे किसी ने तिरपाल डालकर छुपाया हुआ था। वहां से मशीन को हटाया दिया ताकि पोल न खुले।
मेयर ने डिस्पोजल तक का किया निरीक्षण
मेयर गौतम सरदाना ने देर रात तक घटना स्थल से लेकर डिस्पोजल तक की लाइन और डिस्पोजल का निरीक्षण किया। मेयर ने रात को जब जनस्वास्थ्य विभाग के एसई की सीवरेज व्यवस्था मामले में क्लास लगाई तो जनस्वास्थ्य विभाग की टीम सुपर सकर मशीन लेकर मौके पर पहुंच गई थी। उधर मेयर ने देर रात तक लाइन का निरीक्षण करते हुए डिस्पोजल तक पहुंचे। वहां मौजूदा कर्मचारी जयसिंह ने मेयर को बताया कि आठ माह में कई बार सीवरेज लाइन में लगे पाइप को हटाने के लिए कहा था। जिस दिन घटना हुई उस दिन भी उन्हें पाइप हटाने के लिए कहा था लेकिन नहीं हटाया।
मृतक के भाई ने जनस्वास्थ्य विभाग पर भ्रष्टाचार के जड़े आरोप
मृतक मदन के चचेरे भाई रमेश ने जनस्वास्थ्य विभाग के स्टाफ पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि सीवरेज का पानी खेतों तक भेजने के एवज में जनस्वास्थ्य विभाग का स्टाफ रूपये लेता था। हालांकि स्टाफ ने भ्रष्टाचार के आरोप नकार दिए।
ये थी लाइन की स्थिति
करीब 17 से 20 फीट तक की सीवरेज मैनहोल की गहराई है। नीचे 36 इंची पाइप लाइन डिस्पोजल तक जाती है। जहां पर चार मोटरें लगी हुई है। डिस्पोजल की क्षमता करीब 28 हजार लीटर पानी प्रति मिनट की क्षमता से बाहर निकालने की है।
रेस्क्यू अभियान के दौरान दो दमकल गाड़ियां व स्टाफ, पुलिस स्टाफ, जनस्वास्थ्य विभाग की टीमें व स्वास्थ्य विभाग की टीम व एंबुलेंस रात से सुबह मदन का शव मिलने तक मौके पर मौजूद रहे और अभियान में मदद की।