जो जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है : कुमारी सिद्धी
कथा में भगवान गुरु जंभेश्वर ने भरा भात - मंडी संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : 84 लाख योनियों के ब
By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jan 2018 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jan 2018 08:52 PM (IST)
कथा में भगवान गुरु जंभेश्वर ने भरा भात -
मंडी संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : 84 लाख योनियों के बाद इंसान को मनुष्य का जन्म मिलता है, अगर इंसान को अपने जीवन मरण के बंधन से छुटकारा पाना है तो मानव जन्म में इंसान को भक्ति का सहारा लेकर इस बंधन से छुटकारा पाना चाहिए नहीं तो इंसान इस जीवन मरण के बंधन से कभी मुक्त नही हो सकता। उक्त विचार कुमारी सिद्धी बिश्नोई ने गांव सारंगपुर में विराट जाम्भाणी हरिकथा ज्ञान यज्ञ के 5वें दिन शुक्रवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सुख-दुख, लाभ-हानि, जय-पराजय, मान-अपमान, अपना-पराया इत्यादि में समभाव एवं प्रसन्नचित्त रहना ईश्वर की सर्वोच्च भक्ति हैं। वहीं कलाकारों द्वारा पेश की गई झांकी ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
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