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Farmer Protest: बहादुरगढ़ में आंदोलन में सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड़, आरोपितों ने किए कई खुलासे

जांच में शामिल सभी व्यक्तियों ने पूछताछ के दौरान माना था कि अनिल मलिक अनूप चानौत व अन्य ने मृतका के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म किया था। तीन आरोपितों अनिल अनूप तथा अंकुर निवासी गांव मंदौला जिला चरखी दादरी की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम रखा गया था।

By Naveen DalalEdited By: Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:33 PM (IST)
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आरोपितों ने बहादुरगढ़ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सीमाओं पर पिछले 11 महीनों से आंदोलन चल रहा है। जहां पश्चिम बंगाल से किसान आंदोलन में आई बंगाल की युवती से सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपित अंकुर सांगवान ने बहादुरगढ़ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उस पर 25 हजार का इनाम था। पुलिस की अर्जी पर अदालत ने उसे रिमांड पर भेज दिया। इधर, पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया। आरोपित अंकुर चरखी दादरी के मंदोला का रहने वाला है।

जांच अधिकारी के दिए बयान के अनुसार

एसआइटी के प्रभारी एवं बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि नौ मई 2021 को थाना शहर बहादुरगढ़ में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। पीड़िता मृतका के पिता ने एसआइटी को बताया था कि उसकी लड़की अनूप चानौत व अनिल मलिक के साथ उनके टेंट में रही थी। जहां पर उसके साथ छेड़खानी व दुष्कर्म किया गया। युवती की 30 अप्रैल को बहादुरगढ़ के निजी अस्पताल में मौत हो गई थी।

जांच में शामिल सभी व्यक्तियों ने पूछताछ के दौरान माना था कि अनिल मलिक, अनूप चानौत व अन्य ने मृतका के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म किया था। तीन आरोपितों अनिल निवासी गांव नौरंगाबास जाटान हाल पोचनपुर दिल्ली, अनूप निवासी गांव चानौत हांसी जिला हिसार तथा अंकुर निवासी गांव मंदौला जिला चरखी दादरी की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम रखा गया था। इसमें चौथा आरोपित जगदीश बराड़ है। अनिल मलिक को पहले गिरफ्तार कर लिया गया था।

अब आरोपित अंकुर ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इधर, आरोपित से पूछताछ के बाद शहर थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि आरोपित अंकुर नवंबर 2020 में टीकरी बार्डर पर आया था। उसने अपने साथियों से मिलकर किसान सोशल आर्मी नामक संगठन बनाया था। बाद में वह बंगाल गया था। मृतक पीड़िता की किसान सोशल आर्मी से मुलाकात हुई थी। बाद में वह आंदोलन में आ गई।

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