ऋषि नगर एसटीपी पर हादसा, 30 फीट गहरे गड्ढे में गिरे दो कर्मचारी हुए बेसुध
जागरण संवाददाता हिसार ऋषि नगर स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के 40 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
जागरण संवाददाता, हिसार : ऋषि नगर स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के 40 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हादसा हो गया। एक सीवरमैन 30 फीट से अधिक गहरे गड्ढे में जा गिरा। जहरीली गैस के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसके साथ गड्ढे में उतरे दूसरे कर्मचारी की भी हालत बिगड़ गई और दोनों बेसुध होकर गिर पड़े। गनीमत रही कि उस दौरान वहां पर साथी कर्मचारी मौजूद थे। जिनकी मदद से दोनों को बाहर निकाला गया।सूचना मिलते ही मौके पर एंबुलेंस पहुंची और उन्हें नागरिक अस्पताल में उपचार करवाया गया। जहां उनकी जान बच पाई। मामले की सूचना मिलते ही जनस्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उधर, शहर की सीवरेज व्यवस्था जाम होने के चलते पार्षद मनोहर लाल ने जनता के साथ धरने पर बैठने का प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है।
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जान जोखिम में डाल करना पड़ रहा सफाई कार्य
सरकार सुरक्षा के भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही हो लेकिन सीवरेज कर्मचारियों के हालात बद से बदतर हैं। अब भी उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर सफाई कार्य करना पड़ रहा है। दरअसल आवश्यक और मानक के अनुरूप उपकरण नहीं होने के कारण उन्हें खतरनाक हालातों का सामना करना पड़ रहा है। यहीं मंगलवार को हुआ जब कर्मचारियों जहरीली गैसों की चपेट में आ गए और उनकी हालत बिगड़ गई।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार
एसटीपी पर स्क्रीन चेन में आई खराबी के चलते 30 फीट से अधिक गहरे गड्ढे में सीवरमैन उतरा। वह व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पाया तो एक कर्मचारी और नीचे उतरा। दोनों में से एक जहरीली गैस की चपेट में आ गया और उसके हाथ छूट गए। वह नीचे जा गिरा और बेसुध होने लगा। दूसरे ने आवाजें लगार्इं। साथी उन्हें तुरंत बाहर निकालने में जुट गए। सभी के हाथपांव फूल गए। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया।
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सकसं प्रधान बोले-जान-बूझकर कर्मचारियों की जान जोखिम में डाल रहे
सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक प्रधान सुरेंद्र मान ने कहा कि जान बूझकर सीवरेज कर्मचारियों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है। यूनियन कई बार सरकार से कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मांग कर चुकी है बावजूद इसके हालात जस के तस हैं। यही कारण है कि पूर्व में 148 लोगों की सीवरेज सफाई के दौरान मौत हो चुकी है। कोरोना के चलते कर्मचारी अपनी ड्यूटी के साथ नैतिक जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन तय मानकों के अनुसार उपकरण देकर कर्मचारियों से काम करवाने के बजाय उनकी जान को जोखिम में डाला जा रहा है।
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पार्षद ने कहा-बुधवार को जनता के साथ धरने पर बैठूंगा
वार्ड-7 के पार्षद मनोहर लाल ने जनस्वास्थ्य विभाग को अफसरों पर लापरवाही का आरोप जड़ा है। उन्होंने कहा कि मेरे एरिया में 10 दिनों से सीवरेज जाम है। अधिकारी बार-बार सफाई का झूठा आश्वासन दे रहे हैं। मंगलवार को तो झूठे आश्वासन की हद हो गई। सुबह से आने की कहकर बाद में बोले मशीन खराब हो गई। यानी झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। जब हमसे ही सच नहीं बोल रहे तो जनता का काम क्या कर रहे होंगे। परेशान जनता पार्षदों से गुहार लगा रही है। ऐसे में 24 घंटे में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जनता के साथ बुधवार को जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में धरने पर बैठूंगा।
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एसटीपी के बारे में जानें
- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता : 40 एमएलडी
- एसटीपी का शिलान्यास : 8 अप्रैल 2016
- एसटीपी का उद्घाटन : 5 अगस्त 2017
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वार्ड-5 से वार्ड-8 में गोबर के कारण सीवरेज जाम
जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन बिक्रमजीत सिंह ने वार्ड-1 से वार्ड-10 का निरीक्षण कर डाटा जुटाया है। उनका कहना है कि शहर में वार्ड-5, 6, 7 और 8 में पशु डेयरियों की भरमार है। इन्हीं के कारण सीवरेज लाइन जाम हो रही है। इस बारे में हम नगर निगम को भी अवगत करवा चुके हैं। जब तक डेयरी समस्या का समाधान नहीं होगा। बार बार सीवरेज जाम की समस्या आती रहेगी। इस मामले में संज्ञान लेने की जरूरत है।
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गर्मी के कारण कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई थी। उनका सामान्य अस्पताल में उपचार करवाया गया है। उनकी तबीयत में अब सुधार है अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
- बिक्रमजीत सिंह, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग हिसार।