ड्यूटी से नदारद हुए तो रोडवेज कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लेगा हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ
संवाद सहयोगी, हिसार : यूनियन की आड़ में जो रोडवेज कर्मचारी नेतागिरी का चोला ओढ़कर ड्य
संवाद सहयोगी, हिसार : यूनियन की आड़ में जो रोडवेज कर्मचारी नेतागिरी का चोला ओढ़कर ड्यूटी से नदारद होते हैं उन कर्मचारियों की सूची सरकार हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ को दे। संघ की ओर से सूची में शामिल कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। अगर जांच में रोडवेज कर्मचारी दोषी पाया जाए तो सरकार ऐसे कर्मचारियों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई करे। यह कहना है हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रधान दलबीर किरमारा का। रविवार को नागरिक अस्पताल के पास स्थित राजपूत धर्मशाला में राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी पहुंचे थे, जिसमें सरकार की ओर से प्रदेश में 700 प्राइवेट बसों को रूटों पर उतारने के फैसले पर रोडवेज कर्मियों ने विरोध जताया। साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस फैसले को रद नहीं किया तो वे 5 सितंबर को रोडवेज बसों के पहिए थाम देंगे। इस सम्मेलन की अध्यक्षता रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने की, जबकि संचालन राज्य महासचिव आजाद ¨सह गिल ने किया। इसके अलावा सम्मेलन में ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य अनूप सहरावत, जयभगवान कादयान, बाबूलाल यादव, जबकि केंद्रीय कमेटी के वरिष्ठ सदस्य आजाद गिल, कृष्ण, जगदीप लाठर, सुभाष बिश्नोई, चमनलाल, रमेश सैनी व राम¨सह बिश्नोई सहित कई कर्मचारियों ने भी संबोधन किया।
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डीजी की विफलता से रोडवेज को लगता है चूना किरमारा ने कहा कि रोडवेज को जितना भी चूना लगता है उसका सबसे बड़ा कारण डीजी की विफलता है। जो रोडवेज कर्मचारी यूनियन की आड़ में ड्यूटी से नदारद होते हैं, उन पर डीजी से लेकर रोडवेज महाप्रबंधक की ओर से कोई जांच-पड़ताल नहीं की जाती है, जिस कारण रूटों पर रोडवेज बसें न मिलने से एक तो यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है तो दूसरी ओर, रोडवेज के राजकोष में भी लाखों का चूना लगता है। अगर डीजी की ओर से ऐसे कर्मचारियों पर सख्ती की जाए तो रोडवेज कर्मचारी नियमानुसार ड्यूटी करेंगे। बॉक्स :::
प्रदेशस्तर पर बनेंगी दो टीमें, 700 प्राइवेट बसों का करेंगी विरोध रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने बताया कि प्रदेश स्तर पर दो टीमों का चयन किया जाएगा, जोकि विभिन्न जिलों में जाकर सरकारी की ओर से 700 प्राइवेट बसों को धरातल पर उतारने की नीति का विरोध करेगी। दोनों टीमें जिले स्तर पर सम्मेलन कर सरकार की नीति का विरोध करेगी। किरमारा ने बताया कि सरकार 500 रोडवेज बसों को रूटों पर उतारने की बजाय 700 प्राइवेट बसों को रूटों पर उतार रही है, जबकि नई भर्ती करने के बाद 500 रोडवेज बसों को धरातल पर उतारा जा सकता है, जोकि सरासर गलत है।
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बॉक्स ::: ये हैं मुख्य मांगे - रोडवेज कर्मचारियों का दो वर्ष का बोनस दिया जाए
- पंजाब के समान वेतनमान देना
- बिना पॉलिसी के तहत नए निजी बसों के परमिट को लागू करना
- बेड़े में खड़ी 500 रोडवेज बसों को रूटों पर उतारना
- प्रति वर्ष प्रदेश में एक हजार नई रोडवेज बसें बेड़े में शामिल करना।
- कर्मशाला कर्मियों के लिए तकनीकी स्केल लागू करना
- एसीपी का लाभ सभी डिपो में समान रूप से लागू करना।