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फरार फर्म संचालकों पर राजस्व विभाग को चूना लगाने का आरोप

संवाद सहयोगी मंडी आदमपुर नाज मंडी में व्यापारियों व किसानों से सरसों व ग्वार खरीद कर बि

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:50 AM (IST)
फरार फर्म संचालकों पर राजस्व विभाग को चूना लगाने का आरोप
फरार फर्म संचालकों पर राजस्व विभाग को चूना लगाने का आरोप

संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : नाज मंडी में व्यापारियों व किसानों से सरसों व ग्वार खरीद कर बिना पैसा चुकाए फरार चल रही बनारसी दास वजीर चंद फर्म के संचालकों के खिलाफ वीरवार को एक शिकायत तहसीलदार को दी गई है। कपास मंडी के आढ़ती संदीप गोयल ने तहसीलदार को दी शिकायत में दोनों भाइयों पर रेवेन्यु विभाग को चूना लगाने का आरोप लगाया है। संदीप गोयल का आरोप है कि सतेंद्रपाल और जितेंद्र पाल ने ठगी की नियत से रानीबाग स्थित अपने दोनों मकान 16 अप्रैल को बेच दिए थे। ये मकान सतेंद्र पाल ने अपनी सुसराल रतिया के निवासी को बेचा है। इसका रजिस्ट्री नंबर 194-195 में दर्ज है। आरोप है कि दोनों भाईयों ने रजिस्ट्री में मकान की जगह रिहायशी प्लाट दिखाकर कम रेट में इसकी बिक्री दिखाई है। जबकि इन मकानों की वास्तविक कीमत काफी ज्यादा है। इससे साबित होता है कि विक्रेता और क्रेता ने आपसी मिलीभगत करके राजस्व विभाग को चूना लगाया है। संदीप गोयल का कहना है कि दोनों भाईयों ने पहले व्यापारियों व किसानों से साजिश के तहत ठगी की और बाद में सरकारी राजस्व विभाग को अपना निशाना बनाया। उन्होंने मांग की है कि रजिस्ट्री नम्बर 194-195 की पूर्ण जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। बता दें, 15 जून को आदमपुर व्यापार मंडल की शिकायत पर पुलिस ने दोनों भाईयों के खिलाफ व्यापारियों व किसानों से करीब चार करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाखड़ी करने पर केस दर्ज किया था। ऐसे में यदि राजस्व विभाग की जांच में इन पर स्टांप ड्यूटी चोरी का जुर्माना लग सकता है। दूसरी तरफ चर्चाएं है कि अभी कुछ और व्यापारी दोनों भाइयों के खिलाफ अलग से केस दर्ज करवाने के बारे में कानूनी सलाह लेने में लगे हुए हैं। वहीं लोगों का कहना हैं कि इस खरीद-फरोख्त में तहसील के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं। जब कोई प्लाट या मकान की रजिस्ट्री करवाता हैं तो तहसीलदार को मौका देखना होता हैं लेकिन तहसीलदार बिना मौका देखे ही रजिस्ट्री कर देता हैं इससे स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता हैं इस पूरे खेल में तहसील के भी अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं।

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दोनों भाइयों को सामने आना चाहिए

वहीं, आदमपुर के कुछ व्यापारियों और किसानों का कहना है कि यह फर्म 30 सालों से काम कर रही थी और सम्माननीय फर्म रही है। ऐसे में दोनों भाइयों को आदमपुर आकर अपनी बात रखनी चाहिए। उनका कहना है कि देनेदारी के चलते दोनों भाईयों को अपने पुरखों की इज्जत का ध्यान रखना चाहिए। यदि दोनों भाई व्यापार मंडल के आगे हाजिर होते है तो समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।


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