50 से अधिक बार जॉब से निकाला गया, फिर बनाई खुद की कंपनी, बॉलीवुड में बनाई पहचान
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से वर्ष 2005 में पासआउट आदित्य रानौलिया युवाओं के लिए बने प्रेरणास्रोत। बॉलीवुड से जुडऩे के लिए 20 कंप्यूटर करने पड़े थे बुक अब 50 लोगों को दिया रोजगार
हिसार [सुभाष चंद्र] मुंबई में पैर जमाने के लिए 1000 रुपये से खुद की कंपनी स्टार्ट की। पैसे नहीं थे तो एक साइबर कैफे संचालक को 400 रुपये एक घंटे के लिए 20 कंप्यूटर बुक कर बॉलीवुड से जुड़े लोगों को बुलाकर उन्हें अपना काम दिखाया। धीरे-धीरे काम बढ़ा तो खुद का ऑफिस खोला और आज एडमेक इंडिया कंपनी में 50 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह कहानी है बॉलीवुड फिल्मों में सेट डिजाइन करने वाले आदित्य रानौलिया की।
हांसी के सैनियान मुहल्ला के निवासी आदित्य गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (गुजवि) से वर्ष 2005 में मास कम्यूनिकेशन से पासआउट हुए थे। वह शनिवार को गुजवि में आयोजित एल्यूमनाई मीट में शामिल हुए। आदित्य ने बताया कि उन्हें 50 से अधिक कंपनियों ने जॉब पर रखने के बाद निकाल दिया था। इसके बाद उन्होंने खुद की कंपनी खड़ी की।
गोरेगांव फिल्म सिटी में स्थापित की खुद की कंपनी
आदित्य रानौलिया ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी गोरेगांव फिल्म सिटी में स्थापित की है। आदित्य ने बताया कि शुरुआत में उनके घरवाले उनसे सरकारी जॉब की तैयारी के लिए कहते थे, लेकिन वह कुछ अलग व बड़ा करना चाहते थे। इसलिए पिता की अनुमति लेकर वह मुंबई चले गए।
करीब 100 बॉलीवुड फिल्मों में करवा चुके हैं सेट डिजाइन
आदित्य ने बताया कि वह हरियाणा का नाम बॉलीवुड में चमकाना चाहते हैं। वह आगे चलकर फिल्में भी प्रोड्यूस करना चाहते हैं। आदित्य ने बताया कि उनकी कंपनी रानी मुखर्जी अभिनीत बंटी और बबली भाग दो, रणबीर कपूर अभिनीत शमशेरा और आलिया भट्ट अभिनीत व संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म गंगूबाई कठियावाड़ी में भी सेट डिजाइन सहित अन्य काम कर रही है। वहीं इनसे पहले विदेशी फिल्म लाइफ ऑफ पाई के अलावा बाजीराव मस्तानी सहित करीब 100 बॉलीवुड फिल्मों में सेट डिजाइन कर चुके हैं। उन्हें बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकारों शाहरुख खान, सनी देओल, रितिक रोशन, टाइगर श्राफ के साथ काम करने का मौका मिला है।
डबल धमाल में मिला था पहला मौका
आदित्य कहते हैं कि मुंबई एक ऐसा शहर है, जहां आदमी की वैल्यू है। वे वर्ष 2005 में गुजवि से मास कॉम करने के बाद कुछ समय तक दैनिक जागरण में कार्टूनिस्ट भी रहे। इसके बाद दिल्ली में एक मीडिया कंपनी में काम किया, लेकिन सपना था खुद की कंपनी खोलने का तो मुंबई चले गए। वहां कंपनियों में जाकर काम मांगा, लेकिन हर किसी ने एक दो -दिन से अधिक समय तक नहीं रखा। उन्होंने अपनी कंपनी शुरू करने के बाद सबसे पहला सेट डबल धमाल फिल्म में लगाया था।