मुआवजा राशि जारी करने के लिए रिश्वत मांगने वाले दोषी सहायक क्लर्क को चार वर्ष कैद
डीआरओ कार्यालय में कार्यरत सहायक क्लर्क सुनील को अदालत ने 29 जनवरी को दिया था दोषी करार। जमीन की मुआवजा राशि खाते में ट्रांसफर करने के नाम पर क्लर्क ने मांगे थे चार हजार रुपये।
जेएनएन, हिसार: डीआरओ कार्यालय में कार्यरत सहायक क्लर्क सुनील को जमीन की मुआवजा राशि खाता में ट्रांसफर करने के लिए रिश्वत मांगने के मामले में एडीजे वेद प्रकाश सिरोही की अदालत ने चार वर्ष कैद की सजा सुनाई है। शुक्रवार को उपरोक्त मामले की सुनाई के दौरान दोषी पर 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
सहायक क्लर्क सुनील को इसी महीने 29 जनवरी को अदालत ने दोषी करार दिया था। वर्ष 2017 में जून माह में गांव सुरेवाला निवासी किरोड़ी मल ने विजिलेंस को शिकायत दी थी। जिसमें किरोड़ी मल ने बताया था कि उसकी जमीन का कुछ हिस्सा एनएच-65 में आया था। इस जमीन के मुआवजे की 3 लाख 5 हजार रुपये की राशि अपने खाते में डलवाने के लिए वह डीआरओ कार्यालय में गया था। उसने सहायक क्लर्क सुनील से इस बारे में बात की तो उसने मुआवजा राशि को खाते में डालने के लिए चार हजार रुपये की मांग की।
इस मामले में पुलिस ने शिकायत मिलने पर सुनील को रंगे हाथों पकडऩे के लिए शिकायतकर्ता किरोड़ी मल को 2-2 हजार रुपये के दो नोट दिए थे। जिन पर रंग लगाया गया था, जब किरोड़ी मल ने इन नोटों को सहायक क्लर्क सुनील को दिया तो पुलिस ने रंगे हाथों सुनील को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सुनील पर रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया था।
किस धारा में कितनी सजा
धारा - सजा - जुर्माना - अतिरिक्त सजा
13 (1)(डी) - 4 वर्ष - 10 हजार रुपये जुर्माना - 6 माह
7 पीसी एक्ट - 3 वर्ष - 5 हजार रुपये जुर्माना - 3 माह