पीएमजेएसवाई का मिला लाभ तो यहां कुपोषण से बचीं 15 हजार गर्भवती महिलाएं
करीब 10 साल पहले गरीब तबके की गर्भवती महिलाओं को राहत देने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा (पीएमजेएसवाई) की शुरुआत की गई थी।
रोहतक [पुनीत शर्मा] प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिलने पर जिले की करीब 15 हजार गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार होने से बच गई। पिछले साल में करीब डेढ़ हजार गर्भवती महिलाओं को योजना के तहत धनराशि दी जा चुकी है। सरकार की ओर से धनराशि देने का मुख्य उद्देश्य उन्हें पोषित खाना उपलब्ध कराना था। गरीब तबके की महिलाओं को लाभ मिलने से अब वह कुपोषण की शिकार होने से बचीं हैं। योजना शुरू होने से पहले गरीब तबके की 60 फीसद महिलाओं में या तो खून की कमी हो जाती थी या बच्चा कमजोर पैदा होता था।
करीब 10 साल पहले गरीब तबके की गर्भवती महिलाओं को राहत देने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा (पीएमजेएसवाई) की शुरुआत की गई थी। योजना का मुख्य लक्ष्य गरीब तबके की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पोषित खाना उपलब्ध कराना था। इसके लिए सरकार ने धनराशि वितरण की दर निर्धारित की थी। धनराशि देने के लिए सरकार ने मानक तय किए थे कि बच्चे के टीकाकरण के बाद भी अंतिम किश्त का भुगतान किया जाएगा।
इससे एक ओर तो गर्भवती महिला को पोषित खाने के लिए धनराशि मिलती दूसरी ओर टीकाकरण से बच्चे का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। करीब 10 वर्षों में 15 हजार से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा चुका है। अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 के बीच जिले में 1498 महिलाओं को इसका लाभ दिया जा चुका है।
घर पर डिलीवरी होने पर मिलते हैं पांच सौ रुपये
यदि पात्र महिला की घर पर डिलीवरी होती है तो ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा पांच सौ रुपये का अनुदान दिया जाता है। जबकि सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी होने की दशा में शहरी क्षेत्र की महिला को 600 और देहात क्षेत्र की महिला को 700 रुपये का अनुदान दिया जाता है। इसके उलट केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक स्थिति में महिला को 1500 रुपये का अनुदान भी दिया जाता है।
पिछले साल गर्भवती महिलाओं को केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लाभ का विवरण
अस्पताल का नाम कुल धनराशि
किलोई एसएमओ 99000
सिविल अस्पताल 99500
काहनौर एसएमओ 136500
कलानौर एसएमओ 15000
महम एसएमओ 100000
सीएचसी चिड़ी 100000
एसएमओ मदीना 54000
सांपला एसएमओ 74000
कुल 678000
केंद्र सरकार के बाद प्रदेश सरकार द्वारा भी करीब सात लाख रुपये का अनुदान गर्भवती महिलाओं को दिया गया है। विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार दिसंबर 2018 तक घर पर डिलीवरी होने पर एक हजार रुपये, देहात के अस्पतालों में डिलीवरी होने पर 830 महिलाओं को 5.01 लाख रुपये और शहरी अस्पतालों में डिलीवरी होने पर 283 महिलाओं को 1.69 लाख 900 रुपये का अनुदान दिया गया है।
एनएचएम द्वारा बिल बनाकर भेजने के बाद ही पात्र लाभार्थियों को धनराशि दी जाती है। अभी तक 15 हजार से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा चुका है। कर्मचारियों को महिलाओं को बजट मिलते ही धनराशि आवंटित करने के निर्देश दिए गए हैं।
डा. अनिल बिरला, सीएमओ