चचेरे भाई के दुष्कर्म से गर्भवती हुई 14 साल की किशोरी को मिली गर्भपात की इजाजत
किशोरी से उसके चचेरे भाई ने किया था दुष्कर्म। 20 सप्ताह से कम का गर्भ बिना बोर्ड के दुष्कर्म पीडि़ता का किया जाएगा गर्भपात। पीजीआइ में गायनी विभाग के चिकित्सकों ने की जांच
रोहतक, जेएनएन। रोहतक जिले में चचेरे भाई के दुष्कर्म से गर्भवती हुई नाबालिग किशोरी के गर्भपात के लिए पीजीआइ के गायनी विभाग के चिकित्सकों ने तैयारी कर ली है। चिकित्सकों ने पूरी जांच पड़ताल के बाद 20 सप्ताह से कम का गर्भ पाया है। जिसके चलते अब गर्भपात के लिए बोर्ड के गठन की आवश्यकता नहीं है। वहीं महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने पीजीआइ पहुंचकर पीडि़ता से बातचीत की और आरोपित के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
जिले के एक क्षेत्र निवासी एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ उसके चचेरे भाई ने दुष्कर्म किया था। जिसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई थी, लेकिन पीडि़ता को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। करीब चार दिन पहले पीडि़ता सिविल अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत लेकर आई थी, जिसके बाद पीडि़ता के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। चिकित्सकों द्वारा पीडि़ता को सुकून केंद्र में भर्ती करते हुए उसकी काउंसिलिंग शुरू की गई। महिला थाना पुलिस ने पीडि़ता के बयान दर्ज करते हुए आरोपित चचेरे भाई के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी।
रविवार को पीडि़ता को सुकून केंद्र से पीजीआइ के लिए रेफर कर दिया था। जहां पर पीडि़ता को गायनी विभाग के चिकित्सकों की देखरेख में सोमवार को जांच की गई। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान पीडि़ता को 20 सप्ताह से कम का गर्भ होने की पुष्टि हुई है। जिसके चलते नियमानुसार अब गर्भपात के लिए बोर्ड का गठन करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं दूसरी ओर सोमवार की शाम महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने भी पीजीआइ के गायनी वार्ड पहुंचकर पीडि़ता से हालचाल जाना और गायनी विभाग की चिकित्सक डा. सविता और मेडिकल सुपरीटेंडेंट डा. एमजी वशिष्ठ को पीडि़ता की हर संभव मदद के निर्देश दिए।
आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर एसपी से की जाएगी मुलाकात
महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने पीडि़ता से मुलाकात करते हुए बताया कि पीडि़ता को न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। साथ ही आरोपित चचेरे भाई के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई को लेकर एसपी समेत अन्य बड़े अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी। उन्होंने पीडि़त परिवार को भी भरोसा दिलाया कि पूरा आयोग व सरकार उनके साथ है, उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
---किशोरी को 20 सप्ताह से कम की प्रेगनेंसी है। जिसके चलते गर्भपात के लिए बोर्ड के गठन की आवश्यकता नहीं है। पीडि़ता की गायनी विभाग की चिकित्सक डा. सविता सिंघल के निर्देशन में आवश्यक जांच कराई गई हैं। जल्द ही पीडि़ता का गर्भपात कराया जाएगा।
--- डा. एमजी वशिष्ठ, मेडिकल सुपरीटेंडेंट पीजीआइएमएस