लुवास में सेल कल्चर पर ट्रे¨नग लेंगे 9 राज्यों के 13 वैज्ञानिक
जागरण संवाददाता, हिसार : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा
जागरण संवाददाता, हिसार : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में वीरवार को 32वें आइसीएआर कैफ ट्रे¨नग कैंप का शुभारंभ किया गया। 11 से 31 अक्टूबर 2018 तक चलने वाले इस 21 दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान देशभर से विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों को 'वर्तमान काल में कोशिका आधारित उन्नत निदान एवं इलाज' विषय पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि लुवास विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डा. प्रवीन गोयल ने कहा कि प्रासंगिक विषयों के वैज्ञानिकों को सेल आधारित टेक्नोलॉजी में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि यह पशु अनुसंधान के क्षेत्र में प्रशिक्षुओं को स्वतंत्र रूप से अपने संबंधित संस्थानों में सेल कल्चर प्रयोगशालाओं को स्थापित करने में सहायक होगा। कोर्स में 9 राज्यों के 14 प्रतिभागी शामिल हैं।
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क्या है सेल कल्चर
सेल कल्चर वर्तमान अनुसंधान क्षेत्रों में एक अग्रणीय क्षेत्र है, जिसमें ऊतकों, जानवरों या मनुष्यों से कोशिकाओं को अलग करके और उचित परिस्थितियों में प्रयोगशाला में उनकी वृद्धि करना प्रमुख कार्य है। सेल कल्चर, क्लो¨नग और स्टेम कोशिकाओं में वर्तमान काल में निदान और चिकित्सीय क्षेत्र की उभरती चुनौतियों को पूरा करने के लिए जरूरी है। सेल कल्चर ने वर्तमान में विषाक्तता परीक्षण, वारयोलॉजी, इम्न्युलॉजी, स्टेम सेल, जीव विज्ञान, दवा जांच, विकास और नई वेक्सीन के क्षेत्र में विशेष स्थान ग्रहण किया है।