100 साल पहने एक कमरे से शुरू हुआ था वैश्य स्कूल, अब बना वटवृक्ष, बापू ने रखी थी नींव
वैश्य हाई स्कूल की स्थापना फरवरी 1919 में अनाज मंडी में किराए के कमरे में की गई थी। बैलगाड़ी में बैठकर पहुंचे थे स्कूल आज वैश्य एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत संचालित है 18 संस्थाएं
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] आज से सौ साल पहले फरवरी 1919 में पुरानी अनाज मंडी में किराए पर एक कमरा लेकर वैश्य हाई स्कूल की शुरुआत की थी। वैश्य समाज ने बाद में खुद की जमीन लेकर वैश्य हाई स्कूल का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया। इस भवन की आधारशिला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी खुद रखने पहुंचे थे। महात्मा गांधी ने अपने जीवन में केवल दो ही आधारशिला रखी थी, जिसमें से वैश्य स्कूल की आधारशिला एक हैं। गांधी जी द्वारा रोपा गया यह शिक्षण संस्थान का पौधा, अब वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है।
अनाज मंडी में किराए के कमरे में बच्चों को शिक्षा देने की शुरूआत की गई। राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने की वजह से अंग्रेजी सरकार ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी। लेकिन बाद में समाज के लोगों ने अलग जगह पर जमीन खरीदकर दोबारा से स्कूल की स्थापना की गई। इस स्कूल की आधारशिला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1921 में रखी थी। बाबूश्याम लाल एडवोकेट गांधी जी को बैलगाड़ी में बैठाकर आधारशिला रखवाने के लिए पहुंचे थे।
यहां से शिक्षा लेकर विद्यार्थियों ने प्राप्त की ख्याति
वैश्य शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण कर काफी विद्यार्थियों ने बाद में अलग-अलग क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त की। प्रमुख फिल्म निदेशक सुभाष घई, रणजी ट्राफी में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज राजेंद्र गोयल, केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, उद्योगपति जुगल किशोर कांशी राम, देश के विभिन्न अदालत में कार्यरत जज, क्रिकेटर जोगेंद्र शर्मा, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, मनमोहन गोयल सहित अन्य क्षेत्रों में उच्च पदों पर यहां से शिक्षा ग्रहण करके विद्यार्थी पहुंचे हैं।
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए मेयर मनमोहन गोयल, मंत्री वीरेंद्र सिंह व वैश्य संस्था पदाधिकारी
सुनील गावस्कर से लेकर नवाब पटौदी तक खेलने पहुंचे
वैश्य एजुकेशन संस्थाओं द्वारा संचालित महाराज अग्रसेन क्रिकेट स्टेडियम में लंबे समय से रणजी ट्राफी सहित अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। महाराजा अग्रसेन स्टेडियम में नवाब पटौदी, बिशन सिंह बेदी, लाला मोहिंद्र नाथ, कपिल देव, चेतन शर्मा, मनिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, अजय शर्मा, अजय रात्रा, योगराज सिंह सहित अन्य दिग्गज क्रिकेटर मैच खेल चुके हैं।
वैश्य संस्था से संचालित हैं 11 संस्थाएं
सौ साल पहले जहां एक किराए के कमरे से स्कूल की शुरूआत की गई। अब 11 संस्थाएं संचालित हैं, जिसमें वैश्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, वैश्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, वैश्य बीएड कालेज, वैश्य महाविद्यालय, वैश्य कन्या महाविद्यालय, वैश्य पब्लिक स्कूल, वैश्य कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, वैश्य तकनीकी संस्थान, वैश्य विधि कालेज, वैश्य फार्मेसी कालेज मुख्य रूप से शामिल हैं।
संघर्ष के बाद कब्जा मुक्त करवाई थी 60 एकड़ जमीन
वैश्य सोसायटी के पूर्व महासचिव विजय गुप्ता ने बताया कि समाज की जमीन पर अवैध कब्ज कर लिए गए थे। लेकिन लाला लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने समाज के लोगों के साथ जेली, कस्सी व अन्य हथियारों से लैस होकर करीब 60 एकड़ जमीन से कब्जा छुड़वाए थे। जहां से कब्जे हटवाए गए, वहां बाद में इंजीनियरिंग कॉलेज व अन्य संस्थानों का निर्माण कराया गया। वह 1956 से लेकर 1991 तक संस्थाओं के प्रधान भी रहें। इससे पहले सेठ राय साहब लक्ष्मी नारायण, सेठ घनश्याम दास, सहित कई लोगों ने इसमें विशेष सहयोग दिया। सेठ राय साहब एक-एक रुपये चंदा एकत्रित करके संस्थाओं के निर्माण करवाने में आगे रहें। 1935 तक वह संस्थाओं के प्रधान भी रहें।
16 फरवरी 2019 को बनाया शताब्दी दिवस समारोह
वैश्य एजुकेशन सोसायटी की तरफ से 16 फरवरी 2019 को शताब्दी स्थापना दिवस समारोह मनाया। वैश्य स्कूल के ही पूर्व छात्र केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने वैश्य सोसायटी द्वारा सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने की वकालत की और अपने निधि कोष से 21 लाख रुपये अनुदान देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि छह साल तक वह इसी स्कूल में पढ़ें और बाद में देश की राजनीति में बड़े पदों पर रहकर कार्य किया है।