जासं, नया गुरुग्राम: 'खुदकशी करने आया हूं मैं वीराने में, उम्मीद भी ये है कि कोई रोकने वाला मिल जाए।' युवा शायर इंद्रजीत घोषाल के ऐसे ही अशआर पर गजल प्रेमी देर तक तालियां बजाते रहे। मौका था हर्फनामा पोएट्री दरबार द्वारा डीएलएफ फेज-5 स्थित क्विल एंड कैनवास बुक स्टोर में आयोजित ओपन माइक का जहां नवोदित कवि-शायरों ने अपने कलाम से समां बांधा। न सिर्फ ¨हदी व उर्दू में गीत-गजल बल्कि अंग्रेजी और पंजाबी में काव्य पाठ का भी श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया। नवोदित शायरा उर्वशी ठाकुर द्वारा बदलते वक्त पर तंज 'रिश्ते बदल रहे हैं मायने बदल रहे हैं, वो सच छुपाने को अब आइने बदल रहे हैं' को भी श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली। करीब चार घंटा चले कार्यक्रम में इंदु कृति, उर्वशी ठाकुर, नवनीत कौर, वेड कुमारी, मोनिका शर्मा, रवि शंकर व आकाश वोहरा समेत दिल्ली-एनसीआर से पहुंचे 50 से अधिक लेखकों ने अपनी प्रस्तुति दी।

Edited By: Jagran