नियम ताक पर, नंबर प्लेट पर जो मन आए लिखवा लो
साइबर सिटी की सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रही गाड़ियों के नंबर प्लेट पर बहुत कुछ लिखा मिल जाएगा। स्टाइल के फेर में युवा यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिले के तमाम दो पहिया और चार पहिया वाहनों की नंबर प्लेट निर्धारित मानकों की अनदेखी कर बनी हुई हैं। वाहनों पर लगी ये नंबर प्लेट भले ही अपने अनूठेपन के लिए किसी के आकर्षण का केंद्र बनती हों, लेकिन मानकों की खुली धज्जियां उड़ा रही हैं। नंबर लिखवाने में युवा अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी की नंबर प्लेट पर घोस्ट और मॉनस्टर तरीके के नंबर बने हुए हैं तो किसी पर तरह-तरह के वाक्य और बेल बूटे बनवा लिए गए हैं। उदाहरण के लिए वाहन नंबर 4141 'पापा', 5171 'साईं' और
हंस राज, नया गुरुग्राम
साइबर सिटी की सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रही गाड़ियों के नंबर प्लेट पर बहुत कुछ लिखा मिल जाएगा। स्टाइल के फेर में युवा यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिले के तमाम दो पहिया और चार पहिया वाहनों की नंबर प्लेट निर्धारित मानकों की अनदेखी कर बनी हुई हैं। वाहनों पर लगी ये नंबर प्लेट भले ही अपने अनूठेपन के लिए किसी के आकर्षण का केंद्र बनती हों, लेकिन मानकों की खुली धज्जियां उड़ा रही हैं। नंबर लिखवाने में युवा अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी की नंबर प्लेट पर घोस्ट और मॉनस्टर तरीके के नंबर बने हुए हैं तो किसी पर तरह-तरह के वाक्य और बेल बूटे बनवा लिए गए हैं।
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गैर कानूनी है नंबर प्लेट पर कुछ भी लिखना :
परिवहन विभाग की ओर से दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की नंबर प्लेट के लिए मानक निर्धारित हैं। इसमें हल्के व गैर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग और कृषि प्रयोग के वाहन, वाणिज्यिक वाहन और चार पहिया वाहनों के लिए नंबरों के साइज तक के मानक हैं लेकिन युवाओं के वाहनों पर इन मानकों का पालन नहीं दिखाई देता।
- क्या है नियम और कितना कटता है चालान :
वाहनों का पंजीयन करते समय परिवहन विभाग वाहन की पंजीयन संख्या आवंटित करता है। पंजीयन संख्या वाहन के दोनों तरफ (आगे-पीछे) लगी नंबर प्लेटों पर अंकित की जाती है। अगर कोई वाहन चालक परिवहन विभाग के नियम अनुसार नंबर प्लेट पर सही नियम के अुनसार नंबर नहीं लिखवाता है तो विभाग उस पर कार्रवाई कर सकता है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगर नंबर प्लेट पर नंबर अंकित न हो तो 2000 रुपये व फैंसी नंबर लिखे होने पर 500 रुपये का चालान काटा जाता है। शहर में प्रतिमाह औसतन 60 से 70 ऐसे चालान काटे जा रहे हैं।
- नंबर पहचानने में भी आती है दिक्कत :
यातायात पुलिस के मुताबिक कई वाहनों पर तो ऐसे प्लेट लगे होते हैं जो समझ से परे हैं। कोई ¨हदी तो कोई रोमन भाषा में नंबर लिखवा लेता है जिसमें दूर से नंबर पहचान ही नहीं सकते कि नंबर प्लेट पर लिखा क्या है। खासकर युवा वर्ग में इसका चलन ज्यादा है जो बड़ी संख्या में राजनीतिक पद या पहचान के साथ-साथ जाति सूचक शब्द या क्षेत्रीय दबंग पहचान को दर्शाने वाले शब्द, धार्मिक चिन्ह और उससे जुड़ी दूसरी चीजें लिखवा लेते हैं। शहर में कई घटनाएं होती है, जिसमें अगर फैंसी नंबर गाड़ी शामिल होती है तो उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो जाता है।
ट्रैफिक चे¨कग के दौरान गलत नंबर प्लेटों की जांच की जाती है। फाइन किया जाता है। इस संदर्भ में लोगों को समझाया भी जाता है। चे¨कग अभियान के दौरान ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- हीरा ¨सह, एसीपी, ट्रैफिक