आनलाइन पाठशाला में योग से विदेशियों को कर रहे निरोग
भारतीय चिकित्सा पद्धति योगा को विश्व पटल पर रोशन कर रहे बनारस निवासी अभिषेक पांडेय और सुनील शर्मा अब विदेशियों के भी गुरु बन चुके हैं। आनलाइन माध्यम से वह उन्हें योग से निरोग कर रहे हैं।
आशीष धामा, ग्रेटर नोएडा
भारतीय चिकित्सा पद्धति योगा को विश्व पटल पर रोशन कर रहे बनारस निवासी अभिषेक पांडेय और सुनील शर्मा अब विदेशियों के भी गुरु बन चुके हैं। आनलाइन माध्यम से वह उन्हें योग से निरोग कर रहे हैं। उनकी पाठशाला में पंद्रह से अधिक देशों के लोग योग से खुद को निरोग कर रहे हैं। इनमें मुस्लिम देशों के नागरिक भी शामिल हैं। वेल अगेंस्ट इलनेस एप के माध्यम से आनलाइन पाठशाला लगाई। इन दिनों वह ग्रेटर नोएडा इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित आयुर्योग एक्सपो में लोगों को योग की शिक्षा दे रहे हैं।
बनारस के रहने वाले अभिषेक पांडेय बताते हैं कि भोपाल में पढ़ाई के दौरान वह एक इमारत के छठे तल से नीचे गिर गए थे। दो वर्ष तक वह बिस्तर पर ही रहे। उनके हाथ व पैर ठीक होने की उम्मीद न के बराबर हो गई। इस बीच उन्होंने योग करना शुरू कर दिया। उन्होंने दो वर्ष तक योग किया और स्वस्थ हो गए। 2012 से वह लोगों को योग का गुरुमंत्र दे रहे हैं। 2020 में वह बनारस की वेल अगेंस्ट इलनेस (डब्ल्यूएआइ) संस्था से जुड़कर लोगों को योग सिखा रहे हैं। सुनील शर्मा भी उनके साथ योग सिखाते हैं। सुनील बताते हैं कि कोरोना काल में विदेश से लोग उनके पास योग सीखने के लिए नहीं आ रहे थे, जिससे उनकी बीमारी बढ़ रही थी। ऐसे में उन्होंने संस्था के नाम का एप बनवाया और आनलाइन पाठशाला लगानी शुरू कर दी।
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युवाओं को बना रहे आत्मनिर्भर
सुनील बताते हैं कि संस्था लोगों को योग का प्रशिक्षण देकर शिक्षण संस्थानों व आसपास के क्षेत्रों में भेजती है। इसके लिए उन्हें वेतन भी दिया जाता है। उन्होंने 200 लोगों को रोजगार दिया है।
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इन देशों के लोगों सिखा रहे योग
यूरोप, लंदन, आयरलैंड, बुल्गारिया, फ्रांस, हंगरी, इजराइल, मलेशिया, ताइवान, इटली, आस्ट्रेलिया, मैक्सिको, अमेरिका, पुर्तगाल आदि।