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मतदान के साथ हरियाणवी संस्कृति की अलख जगाई

विधानसभा चुनाव को लेकर साइबर सिटी में मतदान के दिन (सोमवार) विभिन्न बूथों पर कई अद्भुत नजारे दिखे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 04:51 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 05:28 PM (IST)
मतदान के साथ हरियाणवी  संस्कृति की अलख जगाई
मतदान के साथ हरियाणवी संस्कृति की अलख जगाई

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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विधानसभा चुनाव को लेकर साइबर सिटी में सोमवार को विभिन्न मतदान बूथों पर कई अद्भुत नजारे दिखे। सेक्टर-46 स्थित सामुदायिक केंद्र में बने पोलिग बूथ के बाहर शहर की निवासी देविका सिवाच एवं नीलम गुलिया पारंपरिक हरियाणवी पोशाक में वोट डालने आ रहे लोगों को बेहतर प्रत्याशी चुनने की अपील कर रही थीं। वहीं दूसरी ओर बूथ पर आ रही युवतियों और महिला मतदाताओं को हरियाणा की संस्कृति और पहनावे से भी रूबरू करा रही थीं।

देविका सिवाच ने बताया कि वह नीलम गुलिया के साथ हरियाणवी पारंपरिक पोशाक पहन कर मतदान के लिए निकलीं जो 35-40 साल पहले ग्रामीण महिलाएं धारण करती थीं। जिसे आज की नई पीढ़ी भूलती जा रही है। इसका मकसद लोगों को यह भी बताना था कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग जाति और धर्म के नाम पर न करके क्षेत्र के विकास के लिए करें। वह यह देखें कि कौन सा प्रत्याशी ऐसा करने में सक्षम होगा। सिर्फ नाली, सड़क और सीवर के नाम पर मतदान करना उचित नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा आज का सबसे बड़ा मुद्दा है। नीलम गुलिया ने बताया कि उन्हें यह देखकर बड़ी तकलीफ होती है कि आज हमारी बहन-बेटियां पाकिस्तानी सलवार पहनती हैं, मगर उन्हें अपने पारंपरिक परिधान के बारे में जानकारी तक नहीं है।

सेक्टर-52 निवासी देविका और सेक्टर-46 निवासी नीलम समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। घर-परिवार के बाद इन्हें जो भी समय मिलता है वह महिला सशक्तीकरण के काम में लगाती हैं। नीलम बताती हैं वह सैनिक स्कूल में शिक्षिका थीं। कुछ साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी और समाजसेवा में अपना योगदान देने लगीं। नीलम ने बताया कि उन्होंने जो कुर्ता व घाघरा (दामण) पहना है वह उनकी माता जी का है। दोनों महिलाओं ने परंपरागत गहने (टूम) भी पहन रखे थे। इन्होंने बताया कि वह पिछले कई दिनों से लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का भी काम कर रही थीं। मतदान के लिए उन्होंने शहर के कुछ अन्य बूथों पर भी जाकर लोगों को जागरूक किया।


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