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आखिर साइकिल से चलने वालों के कब आएंगे अच्छे दिन

आखिर साइबर सिटी में साइकिल चलाने वालों के अच्छे दिन कब आएंगे। काफी लोगों द्वारा यह सवाल पूछा जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा बड़े-बड़े फ्लाईओवर, नए-नए हाइवे और रोड बनाए जा रहे हैं। इस पर साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए किसी प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। पिछले कई वर्षों से इस प्रकार की मांग की जा रही है। इसके बावजूद इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि गुरुग्राम में साइकिल चलाने वालों की संख्या हजारों में है। यदि यहां की सड़कों पर साइकिल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर तो यह संख्या लाखों तक पहुंच सकती है। अब तो इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी मांग उठने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 06:19 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 07:04 PM (IST)
आखिर साइकिल से चलने वालों के कब आएंगे अच्छे दिन
आखिर साइकिल से चलने वालों के कब आएंगे अच्छे दिन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आखिर साइबर सिटी में साइकिल चलाने वालों के अच्छे दिन कब आएंगे। काफी लोगों द्वारा यह सवाल पूछा जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा बड़े-बड़े फ्लाईओवर, नए-नए हाइवे और रोड बनाए जा रहे हैं। इस पर साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए किसी प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। पिछले कई वर्षों से इस प्रकार की मांग की जा रही है। इसके बावजूद इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि गुरुग्राम में साइकिल चलाने वालों की संख्या हजारों में है। यदि यहां की सड़कों पर साइकिल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो तो यह संख्या लाखों तक पहुंच सकती है। अब तो इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी मांग उठने लगी है।

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यहां की कुछ सड़कों पर साइकिल ट्रैक के नाम पर महज औपचारिकता निभाई गई है। सुशांत लोक रोड, जिला अदालत रोड, सुभाष चौक से हुडा सिटी सेंटर रोड सहित कुछ अन्य सड़कों पर साइकिल ट्रैक बनाया गया है, मगर इन पर कार और बाइक चलती हैं। सेक्टर-52 निवासी जयवीर ¨सह का कहना है कि पहले वह अपने कार्यालय तक साइकिल से जाते थे मगर अब ऐसा माहौल नहीं रहा। फर्राटा भरती कारों के बीच में साइकिल चलाना अब संभव नहीं है। इसी प्रकार से सेक्टर-37 स्थित एक कंपनी में कार्यरत देवी दयाल का कहना है कि वह कई सालों से साइकिल से चल रहे हैं। हमेशा डर लगा रहता है।

आइटी कंपनी नगारो के सीईओ ने ट्विटर पर लिखा है कि जब तक सार्वजनिक परिवहन के बजाय पैसे गाड़ियों के लिए फ्लाईओवर और अंडरपास में ही लगाए जाएंगे तब तक कुछ सुधार नहीं आएगा। साइकिल लेन व फुटपॉथ पर भी ध्यान दिया जाए। बीपीओ कंपनी में अधिकारी अर्पित वर्मा का कहना है कि पहले शुक्रवार को रोजाना साइकिल से घर से कंपनी तक जाते थे। अब सड़क पर साइकिल चलाना मुश्किल हो गया है।

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गुरुग्राम की सड़कें साइकिल चलाने वालों के लिए महफूज नहीं हैं। यहां साइकिल से चलने वालों द्वारा लगातार सरकार एवं प्रशासन से मांग की जा रही है कि यहां की हर सड़क पर साइकिल ट्रैक तैयार किया जाए। इसके बावजूद इसे लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दुर्घटना की घर से यहां लोग साइकिल चलाने से डरते हैं।

-यशदीप पंवार, निवासी


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