अधिकारियों को दिया वीवीपैट मशीन के संचालन का प्रशिक्षण
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत बूथों पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दिशा में जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। मंगलवार को लघु सचिवालय सभागार में जिला अधिकारियों को वीवीपैट मशीन के संचालन का प्रशिक्षण दिया गया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत बूथों पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दिशा में जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। मंगलवार को लघु सचिवालय सभागार में जिला अधिकारियों को वीवीपैट मशीन के संचालन का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुरुग्राम के चुनाव तहसीलदार संतलाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन के इस्तेमाल का निर्णय लिया है। कोई भी वोटर जब अपना वोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बटन दबाकर डालेगा तो उसके अगले सात सेकेंड तक वीवीपैट मशीन पर यह नजर आएगा कि उसने वोट किस प्रत्याशी को डाला है। उन्होंने बताया कि इसकी एक रसीद भी कटकर वीवीपैट मशीन के अंदर ही एकत्रित होगी जिसकी गणना बाद में मतगणना के समय यह सुनिश्चित करने के लिए होगी कि उस ईवीएम के माध्यम से जितने वोट डाले गए हैं, क्या रसीदों की संख्या उतनी ही है।
वीवीपैट मशीन ईवीएम के साथ जुड़ी होगी। इस बार जो ईवीएम आई हैं, वह एमथ्री मॉडल की हैं। इनका आकार पहले वाली ईवीएम से छोटा है और वजन में ये मशीन उनसे हल्की भी हैं। मतदान की इस व्यवस्था से मतदाता के मन में किसी प्रकार का कोई शक नहीं रहेगा।
बता दें कि वीवीपैट मशीन को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने सन 2013 में डिजाइन किया था। सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में सन 2013 में हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मशीन बनाने और इसके लिए धनराशि मुहैया करवाने के आदेश केंद्र सरकार को दिए थे। चुनाव आयोग ने जून 2014 में यह तय किया कि अगले चुनाव यानि वर्ष 2019 के चुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।