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नेत्रहीन विद्यालय को गोद लेगा विवेकानंद आरोग्य केंद्र

भारत विकास परिषद (भाविप) की महाराणा प्रताप शाखा गुरुग्राम की ओर से संचालित विवेकानंद आरोग्य केंद्र गांव बहरामपुर रोड स्थित एआइसीबी कैप्टन चंदनलाल नेत्रहीन विद्यालय गोद लेगा। विद्यालय में लगभग 150 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सभी बच्चों की आंखों की जांच केंद्र में बारीकी से नि:शुल्क कराई जाएगी। जिन बच्चों की आंखों की रोशनी आ सकती है, उनके लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 03:51 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 03:51 PM (IST)
नेत्रहीन विद्यालय को गोद लेगा विवेकानंद आरोग्य केंद्र
नेत्रहीन विद्यालय को गोद लेगा विवेकानंद आरोग्य केंद्र

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: भारत विकास परिषद (भाविप) की महाराणा प्रताप शाखा गुरुग्राम की ओर से संचालित विवेकानंद आरोग्य केंद्र गांव बहरामपुर रोड स्थित एआइसीबी कैप्टन चंदनलाल नेत्रहीन विद्यालय गोद लेगा। विद्यालय में करीब 150 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सभी बच्चों की आंखों की जांच केंद्र में बारीकी से नि:शुल्क कराई जाएगी। जिन बच्चों की आंखों की रोशनी आ सकती है, उनके लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा।

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महाराणा प्रताप शाखा की ओर से गत वर्ष सेक्टर-12ए में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय माधव भवन के नजदीक विवेकानंद आरोग्य केंद्र बनाया गया है। केंद्र में असहाय लोगों के लिए नि:शुल्क डायलिसिस, खून जांच, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, इको, डॉप्लर, डेंटल, आंखों की जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसका न सिर्फ गुरुग्राम के लोग, बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी लाभ उठा रहे हैं। शाखा के अध्यक्ष विवेकानंद तिवारी कहते हैं कि इस सेंटर को नर सेवा नारायण सेवा का प्रतीक बनाया गया है। जिन लोगों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, उनका सौ फीसद इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। जो लोग खर्च कर सकते हैं, उनसे उतनी ही राशि ली जा रही है जिससे कि केंद्र के संचालन में परेशानी नहीं आए। आगे कई अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। खुशी है कि बिहार तक से लोग आकर सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। केंद्र के निर्माण में विशेष भूमिका निभाने वाले महाराणा प्रताप शाखा के संरक्षक और उद्योगपति विनोद मित्तल कहते हैं कि नेत्रहीन विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह देख सकें, इसके लिए हर स्तर पर उनकी आंखों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए खर्च की कोई सीमा नहीं रहेगी। जो बच्चे जन्म से ही नहीं देख पा रहे हैं, यदि वे देखने लगें इससे बड़ा कोई पुण्य का काम नहीं होगा। उन्हें विश्वास है कि कुछ बच्चे सामान्य बच्चों की तरह दुनिया देख सकते हैं, सिर्फ समर्पित भाव से उनके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। विवेकानंद आरोग्य केंद्र नेत्रहीन बच्चों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा।


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