हंसमुख स्वभाव के थे दोनों पति-पत्नी
मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर एसोसिएट के पद पर कार्यरत रहे विक्रम सिंह ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी हंसमुख स्वभाव की थीं।
आदित्य राज, गुरुग्राम
मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर एसोसिएट के पद पर कार्यरत रहे विक्रम सिंह ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी हंसमुख स्वभाव की थीं। दोनों पांच साल से अधिक समय से गांव डूंडाहेड़ा में किराये पर रह रहे थे, लेकिन कभी किसी से कहासुनी तक नहीं हुई। विक्रम सिंह की कंपनी में भी किसी से कभी भी कहासुनी नहीं हुई। यह बताते हुए उनके दोस्त व कंपनी में उनके साथ ही सीनियर एसोसिएट शिवम श्रीवास्तव के साथ ही उनके चचेरे भाई अजय सिंह की आंखें भर आईं।
बृहस्पतिवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे शिवम श्रीवास्तव ने बताया कि अगले महीने 11 अक्टूबर को कंपनी के 12 लोग एक साथ माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जाने वाले थे। इसके लिए टिकट बुक करा रखा था। कुछ महीने पहले भी यात्रा पर गए थे। यात्रा को लेकर विक्रम सिंह काफी उत्साहित थे। उनमें जबदस्त आकर्षण था। हर किसी से दोस्त की तरह बात करते थे। आज तक कभी अपने जूनियर को किसी बात के लिए नहीं डांटा। सीनियर हो या फिर जूनियर सभी उनका सम्मान करते थे। नवंबर में है बहन की शादी
अजय सिंह ने बताया कि विक्रम सिंह तीन भाई व चार बहनों में सबसे बड़े थे। दो बहनों की शादी हो चुकी है। तीसरी बहन की शादी के लिए इसी साल नवंबर में तिथि निर्धारित है। वह तैयारी में जुटे थे। उनके छोटे भाई शैलेंद्र सिंह साथ ही बगल के कमरे में रहते थे। वह ऑटो चलाते हैं। बुधवार रात अभिनव अग्रवाल के आने की वजह से वह उनके कमरे में आकर सो गए थे। सभी को इस बात का मलाल है कि पास ही होते हुए भी दोनों की हत्या कर दी गई। उन्होंने विक्रम सिंह के मकान मालिक अजीत कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला वह अपने कमरे से निकलकर आए और आरोपित को पकड़ने में साथ दिया। हत्याकांड में दूसरे व्यक्ति के भी शामिल होने की आशंका
हत्याकांड में आरोपित अभिनव अग्रवाल के साथ ही एक अन्य व्यक्ति के भी शामिल होने की आशंका परिजनों ने जताई है। ऐसी आशंका अभिनव की कद-काठी की वजह से है। अभिनव दुबला पतला है जबकि विक्रम उससे काफी मजबूत थे। फिर वह अकेले कैसे वारदात को अंजाम दे सकता है। हालांकि इस बात से आसपास रह रहे लोग सहमत नहीं हैं क्योंकि यदि एक अन्य व्यक्ति भी रहा होगा तो वह भागा कैसे क्योंकि नीचे गेट बंद था। पूरे मामले की सच्चाई आरोपित के बयान के साथ ही विक्रम सिंह के सात वर्षीय बेटे के बयान से सामने आएगी। बेटे ने सबकुछ अपनी आंखों से देखा है। अभी वह काफी डरा हुआ है।