साइबर ठगों की शातिर चालों के आगे बेबस हैं शहरवासी
जागरण संवाददाता गुरुग्राम साइबर सिटी में जालसाजों का जाल तेजी से बढ़ता जा रहा है। वे तरह
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : साइबर सिटी में जालसाजों का जाल तेजी से बढ़ता जा रहा है। वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। रविवार को भी सेक्टर-50 थाने में कई मामले दर्ज किए गए। सभी मामले ऑनलाइन धोखाधड़ी से संबंधित हैं। शिकायतों के आधार पर अलग-अलग मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इस तरह के मामलों को देखते हुए पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रही है कि पेटीएम की केवाईसी कराने के नाम पर यदि कोई लिक भेजता है तो उसे क्लिक न करें। यदि कोई ओटीपी नंबर भेजकर बताने के लिए कहता है तो न बताएं। न ही अपने खातों के बारे में जानकारी दें और न ही किसी कार्ड के बारे में ही। बता दें कि प्रतिदिन अकेले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में ही 15 से 20 शिकायतें पहुंच रही हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि धोखाधड़ी से संबंधित कितनी शिकायतें प्रतिदिन सामने आ रही हैं। गैस बुकिग के नाम पर ठगी
सेक्टर-50 निवासी लक्ष्मी प्रसाद ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि उन्होंने पिछले साल 30 अक्टूबर को रसोई गैस की बुकिग के लिए गूगल से नंबर लेकर फोन किया था। फोन रिसीव करने वाले गैंस एजेंसी का कर्मचारी बताया। उसने पंजीकरण करने के लिए ओटीपी मांगा। ओटीपी नंबर बताते ही उनके खाते से 10 बार में एक लाख रुपये निकल गए। पेटीएम की केवाईसी कराने के नाम पर ठगी
सेवानिवृत्त आइआरएस 79 वर्षीय देवेंद्र नारायण के मोबाइल पर पिछले वर्ष 12 मार्च को पेटीएम की केवाईसी कराने के लिए मैसेज आया। उस पर दिए गए नंबर पर उन्होंने फोन किया तो मनीष कुमार नामक व्यक्ति ने रिसीव किया। फिर उसने उनके क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली। बाद में खाते से तीन बार में लगभग 25 हजार रुपये निकाल लिए। उनका आरोप है कि शुरुआत में उनकी शिकायत पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री को ट्वीट करने के बाद शिकायत पर गंभीरता से ध्यान दिया गया। उन्होंने पेटीएम के बारे में भी शिकायत कर रखी है। इसी तरह साउथ सिटी-दो निवासी प्रखर की शिकायत है कि पेटीएम की केवाईसी कराने के लिए एक व्यक्ति ने फोन किया। बाद में ओटीपी नंबर भेजा। नंबर बताते ही उनके खाते से 40,227 रुपये निकल गए। खातों से निकाली राशि
सेक्टर-49 निवासी महिपाल सिंह की शिकायत है कि उनका डेबिट कार्ड इसी साल 15 मई को खो गया था। 20 मई को उनके खाते से कुल 44 हजार रुपये निकल गए। इसी तरह सुकलामय डे के पास इसी साल आठ जून को एक व्यक्ति ने फोन करके लिक भेजा। उसे क्लिक करते ही उनके खाते से पांच हजार रुपये निकल गए। गांव समयपुर निवासी जोगेंद्र यादव की शिकायत है कि इसी साल 17 जनवरी को उनके खाते से ऑनलाइन 16 हजार रुपये किसी ने निकाल लिए। ऑनलाइन डिलीवरी के नाम पर ठगी
सेना से सेवानिवृत्त एक अधिकारी के पास एक व्यक्ति ने 14 अप्रैल को लेकफॉरेस्ट नामक शराब वाइन कंपनी का नाम लेते हुए फोन किया। उसने कहा कि उसकी कंपनी होम डिलीवरी कराती है। इसके बाद एडवांस में पांच हजार रुपये जमा करने की बात की। फिर 3400 रुपये जमा करने को कहा गया। इसके बाद एक महिला ने फोन करके कहा कि पुलिस अनुमति नहीं दे रही है इसलिए पूरा पैसा जमा करना होगा। फिर उन्हें लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। बुजुर्ग महिला के साथ ठगी
सोहना रोड स्थित एक सोसायटी में रहने वाली बुजुर्ग महिला के खाते से पिछले साल 29 दिसंबर को कई बार में हजारों रुपये निकाल लिए गए। उनके बच्चे विदेश में रहते हैं। वह भी फिलहाल विदेश में ही हैं। परिवार के एक नजदीकी ने बताया कि कितनी राशि निकाली गई, इस बारे में वह कुछ भी नहीं बता सकते। उनका कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियों पर पुलिस रोक लगाए।