औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी आपूर्ति को प्रदेश सरकार ले अपने नियंत्रण में
जब से वायु प्रदूषण का दंश एनसीआर के शहरों में बढ़ा है जिले के उद्यमियों पर पीएनजी को अपनाने का दबाव बढ़ने लगा है। फिलहाल इसे अपनाना उद्यमियों के लिए दो वजहों से संभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जब से वायु प्रदूषण का दंश एनसीआर के शहरों में बढ़ा है, जिले के उद्यमियों पर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) को अपनाने का दबाव बढ़ने लगा है। फिलहाल इसे अपनाना उद्यमियों के लिए दो वजहों से संभव नहीं है। पहला हर औद्योगिक क्षेत्र में पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है और दूसरा यह खर्चीला है। इसे वहन करना माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) श्रेणी के उद्योगों के लिए काफी कठिन है। इसी को देखते हुए उद्यमियों द्वारा मांग की जा रही है कि औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी आपूर्ति में किसी एक कंपनी का एकाधिकार न हो। यह काम प्रदेश सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए। इसका लाभ यह होगा कि मनमाने रेट पर गैस के दाम बढ़ने की प्रक्रिया पर विराम लगेगा।
अभी यदि कोई उद्यमी पीएनजी को अपनाना चाहता है तो उसे शुरुआत में ही 25 लाख रुपये से अधिक का निवेश करना पड़ता है। कोविड-19 महामारी के बाद से ही छोटे उद्योगों की स्थिति आर्थिक रूप से काफी खराब है। ऐसे में वह यह खर्चा उठाने में सक्षम नहीं हैं। पीएनजी को अपनाना तो चाहते हैं मगर उनकी मांग यह है कि इसे लेकर एमएसएमई श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को सब्सिडी दी जाए।
जिले में ऐसे कई औद्योगिक क्षेत्र हैं जहां पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इनमें सेक्टर-16 आइडीसी, बिनौला औद्योगिक क्षेत्र, पटौदी रोड, आइएमटी मानेसर सेक्टर-दो, तीन, पांच और छह में पीएनजी की लाइन नहीं है। सबसे पहले यहां इनके इंफ्रास्ट्रक्चर त्वरित गति से तैयार करने की जरूरत है। जब तक सभी औद्योगिक क्षेत्रों में इसकी व्यवस्था नहीं है तब तक किसी प्रकार की सख्ती नहीं करनी चाहिए।
मुंजाल शोवा के सीएमडी योगेश मुंजाल का कहना है कि वायु प्रदूषण के नाम पर जिस प्रकार से सख्ती उद्योगों पर की जा रही है वह ठीक नहीं है। वर्तमान में बिजली नहीं होने पर औद्योगिक इकाइयों में काम ठप हो जाता है। फिलहाल अभी इस मामले में उद्योगों को छूट मिलनी चाहिए।
पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर सभी औद्योगिक क्षेत्रों में तैयार करने की जरूरत है। इस मामले में तेजी लानी चाहिए। जहां पर इस गैस के आपूर्ति की बात है तो यह प्रदेश सरकार के नियंत्रण में होना चाहिए। ऐसा होगा तभी उद्यमियों को वाजिब रेट पर यह गैस उपलब्ध होगी। वहीं डीजल या अन्य ईंधन से छोड़ पीएनजी को अपनाने वाली औद्योगिक इकाइयों को सब्सिडी मिलनी चाहिए।
पवन यादव, अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, मानेसर