थाना प्रभारी के अपहरण मामले में फरार बदमाश चार साल बाद दबोचा
करीब चार साल पहले डीएलएफ थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह फौगाट के अपहरण मामले में फरार चल रहे आरोपित को क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार रात दबोच लिया।
संवाद सहयोगी, सोहना (गुरुग्राम): करीब चार साल पहले डीएलएफ थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह फौगाट के अपहरण मामले में फरार चल रहे आरोपित को क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार रात दबोच लिया। आरोपित की इस केस में गिरफ्तारी हुई थी। कुछ दिन वह जेल में रहा फिर जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था। जबकि इसी मामले में अदालत पिछले साल दो अन्य आरोपितों को दोषी ठहरा दस-दस साल की सजा सुना चुकी है।
आरोपित हयूम पलवल जिले के चिल्ला गांव का रहने वाला है। उसे क्राइम ब्रांच सोहना की टीम ने गिरफ्तार किया है। टीम प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश को सूचना मिली थी कि आरोपित सोहना के आंबेडकर चौक पर किसी से मिलने के लिए आने वाला है। जिसके बाद पुलिस टीम चौक के पास लगी हुई थी। हयूम अपने गांव के एक युवक के साथ जैसे ही यहां पहुंचा उसे पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि 30 जून 2016 की रात डीएलएफ थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह फौगाट थाने से निकल कर अपनी स्विफ्ट कार से जा रहे थे। थाने से कुछ दूरी पर उन्हें तीन युवक संदिग्ध हालत में खड़े मिले। सुरेंद्र उनसे पूछताछ कर रहे थे, तभी तीनों युवकों ने उन्हें अगवा कर कार में डाल लिया था। चार घंटे बाद दिल्ली- आगरा हाईवे पर होडल के आगे इंस्पेक्टर को कार से उतार कार लेकर बदमाश चंपत हो गए थे।
पुलिस की जांच में सामने आया था कि वारदात को अंजाम कुख्यात वाहन लुटेरे इस्लामुद्दीन के गुर्गे नूंह जिले के गांव रोजकामेव निवासी आबिद, खालिद और चिल्ला निवासी हयूम ने दिया था। एक माह बाद तीनों गिरफ्तार हुए थे। हयूम जमानत मिलने के बाद फिर अदालत में पेश नहीं हुआ। हयूम पर कई मामले दर्ज हैं।