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बड़ी मछलियों को पकड़ने समय मांग सकती है सीबीआइ

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम बादशाहपुर व समीपवर्ती गांवों की 1407 एकड़ जमीन को लेकर हुए खेल की

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 06:55 PM (IST)
बड़ी मछलियों को पकड़ने समय मांग सकती है सीबीआइ

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

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बादशाहपुर व समीपवर्ती गांवों की 1407 एकड़ जमीन को लेकर हुए खेल की जांच कर रही सीबीआइ जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांग सकती है। कोर्ट ने सीबीआइ को मामले की जांच छह माह के अंदर कर रिपोर्ट सौंपने के लिए दो मई का समय दिया था। सीबीआइ जांच तो कर रही है, पर शिकंजे में आ रहे बिल्डर के खिलाफ और सबूत जुटाने के लिए समय लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक सारा खेल तीन बिल्डरों के इशारे पर खेला गया था। जांच की आंच उस वक्त प्रदेश की सत्ता संभालने वाले लोगों के साथ-साथ सेक्शन चार की नोटिस जारी कर भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कराने वाले अधिकारियों तक भी आ सकती है। सीबीआइ सभी की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है। किसानों के ऑडियो टेप तक सबूत के रूप में जुटाए जा रहे हैं। मामला कैसे पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

बादशाहपुर निवासी देवदत्त शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार की कार्यशैली को लेकर पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली थी कि प्रदेश सरकार ने उनकी जमीन को बिना किसी वजह के अधिग्रहण कर ली। जिसे संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने देवदत्त की 16 कनाल 10 मरला जमीन को रिलीज करने के आदेश जारी कर दिए। अदालत के इस फैसले को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार की अपील को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज करते कहा था कि किसानों को छला गया है सीबीआइ पूरे मामले करी जांच कर छह माह के अंदर रिपोर्ट दे ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

बता दें कि जून 2009 में प्रदेश सरकार ने बादशाहपुर व आसपास के गांवों की 1407 एकड़ जमीन को जनहित के लिए अधिग्रहीत करने का नोटिस जारी किया था, जिसके मिलने के लोगों ने बिल्डरों को अपनी जमीन बेच दी थी। 1407 एकड़ जमीन में से 870 जमीन के लिए सेक्शन छह की नोटिस हुई उसके बाद मात्र 87 एकड़ जमीन को ही अधिग्रहित किया गया। 87 एकड़ भी वह जमीन थी जो किसानों ने बिल्डरों को बेची नहीं। जो जमीन बिल्डर खरीद चुके थे, उसे भूमि अधिग्रहण के दायरे से बाहर कर दिया गया। इस खेल में किसानों को जमीन का सही रेट नहीं मिला। उन्हें जब खेल का पता चला तो अदालत पहुंचे।


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