अवैध हथियारों का शौक ले जाता है अपराध की दुनिया तक
आइएमटी मानेसर और आसपास के गांवों में रहने वाले कुछ युवाओं में अवैध हथियार रखने की गलत आदत पड़ गई है। शुरुआत में वे गैर लाइसेंसी पिस्टल व कट्टा रखते हैं बाद में यही आदत ने उन्हें अपराध की दुनिया तक ले जाती है। हर्ष फाय¨रग में भी अवैध हथियार का जमकर प्रयोग किया जा रहा है। यहां के गांवों में किराए पर रहने वाले कई युवा भी अवै हथियार रखते हैं। उनकी गलत अदालत व लापरवाही के चलते पिछले 6 माह में कई बड़ी और छोटी घटनाएं क्षेत्र में हुई हैं। कट्टा दिखा झपटमारी भी होती है। बुधवार की रात मानेसर गांव के नंबरदार सुमेर ¨सह की हत्या में भी गैर लाइसेंसी पिस्टल से गोली चलाकर की गई। तीन युवकों ने पिस्टल से गोली चलाई थी।
गोविन्द फलस्वाल, मानेसर
आइएमटी मानेसर और आसपास के गांवों में रहने वाले कुछ युवाओं में अवैध हथियार रखने की गलत आदत पड़ गई है। शुरुआत में वे सिर्फ शौक में अवैध पिस्टल व कट्टा रखते हैं। बाद में यही आदत उन्हें अपराध की दुनिया तक ले जाती है। हर्ष फाय¨रग में भी अवैध हथियारों का जमकर प्रयोग किया जा रहा है।
यहां के गांवों में किराए पर रहने वाले कई युवा भी हथियार रखते हैं। पिछले 6 महीने में कई बड़ी और छोटी घटनाएं क्षेत्र में हुई हैं। कट्टा दिखा कर झपटमारी भी होती है। बुधवार की रात मानेसर गांव के नंबरदार सुमेर ¨सह की हत्या भी अवैध पिस्टल से की गई। तीन युवकों ने पिस्टल से गोली चलाई थी। इससे पहले 30 नवंबर को भी दो किराएदारों ने आपस में हुए झगड़े में एक दूसरे की हत्या कर दी थी। किराएदारों से होती है छीनाझपटी
आइएमटी मानेसर में किराएदारों से छीनाझपटी के भी काफी मामले हो रहे हैं। कई बार आइएमटी में ड्यूटी कर घर जाने वाले कर्मचारियों से हथियार के बल पर पैसे और अन्य कीमती सामान छीन लिया जाता है। आइएमटी से बाहर के गांवों में किराए पर रहने वाले कर्मचारी रोजाना शाम को लौटते हैं। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र से बाहर 4-5 युवक हथियार के बल पर कर्मचारियों से पैसे छीन लेते हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे, पटौदी रोड, कासन रोड और कांकरोला-भांगरौला गांव जाने वाले कर्मचारियों के साथ महीने की शुरुआत में (वेतन दिवस के करीब) इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। आसानी से उपलब्ध हो जाता है कट्टा
आइएमटी में अधिकतर किराएदार दूसरे प्रदेशों से हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के भी हजारों किराएदार यहां कमरों में रहते हैं। ये किराएदार उत्तर प्रदेश और बिहार से कट्टे लाते हैं और यहां बेच देते हैं। कुछ किराएदारों ने तो इसे ही अपना धंधा बना लिया है। बस से आने वाले लोगों की जांच भी नहीं होती कि कौन व्यक्ति क्या सामान लेकर जा रहा है। आइएमटी मानेसर के गांव मानेसर, नाहरपुर, कासन, खोह, भांगरौला और झुग्गियों में आसानी से कट्टा मिल जाता है। नहीं है कोई सुरक्षा व्यवस्था
औद्योगिक क्षेत्र में कहीं भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। क्षेत्र में वाहनों की चे¨कग के लिए नाके लगाए जाते हैं लेकिन यहां अधिकतर दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट पहने चालकों को रुकवाया जाता है और कागजों की जांच की जाती है। पैदल जाने वाले लोग कुछ भी साथ लेकर कहीं भी घूम सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, आइएमटी मानेसर के साथ लगने वाले गांवों लगभग तीस प्रतिशत किराएदारों के पास अवैध हथियार है। कई तो अपनी सुरक्षा के लिए भी रख रहे हैं। बदमाशों के लिए सेफ जोन है मानेसर
आइएमटी मानेसर बदमाशों के छिपने के लिए सेफ जोन भी है। यहां लाखों किराएदार रहते हैं। कोई भी बदमाश जानकारी के माध्यम से यहां आसानी से पनाह ले सकता है। 30 नवंबर को हुई घटना में भी हत्या के मामले में आरोपित पिछले 20 दिनों से कमरे में रुके हुए थे। इसी प्रकार यहां गेस्ट हाउस, पीजी, किराए के कमरे, झुग्गियां, फ्लैट और होटल में कोई भी व्यक्ति आसानी से रुक सकता है।