फोटो न्यूज : नगर निगम की नाकामी, सड़क पर फिर से उतरे घुमंतू पशु
गुरुग्राम : घुमंतु पशुओं से शहर को मुक्त करने के लिए नगर निगम ने मुहिम भी चलाई। 25 दिसंबर तक चली मुहिम में पांच सौ से अधिक गाय व सांड़ पकड़ने के दावे किए गए। मगर जमीनी हकीकत इन दावों के विपरीत है। शहर में आज भी जगह-जगह घुमंतु पशुओं के झुंड घूमते नजर आते हैं। जिनके चलते ट्रैफिक व्यवस्था भी बाधित होती रहती है। पशु दुर्घटना की वजह भी बन रहे हैं। कृष्णा कालोनी में रहने वाली बबिता को एक सांड़ ने घायल कर दिया। वहीं डीएलएफ फेज वन में रहने वाले नीरज बुधवार को दो साड़ों की लड़ाई में घायल हो गए
संजय गुलाटी, गुरुग्राम
घुमंतू पशुओं से शहर को मुक्त करने के लिए नगर निगम ने मुहिम भी चलाई। 25 दिसंबर तक चली मुहिम में पांच सौ से अधिक गाय व सांड़ पकड़ने के दावे किए गए। मगर जमीनी हकीकत इन दावों के विपरीत है। शहर में आज भी जगह-जगह घुमंतू पशुओं के झुंड घूमते नजर आते हैं। जिनके चलते ट्रैफिक व्यवस्था भी बाधित होती रहती है। पशु दुर्घटना की वजह भी बन रहे हैं। कृष्णा कालोनी में रहने वाली बबिता को एक सांड़ ने घायल कर दिया। वहीं डीएलएफ फेज वन में रहने वाले नीरज दो जनवरी को दो साढ़ों की लड़ाई में घायल हो गए। एक दूसरे को दौड़ाने में एक सांढ़ उनकी स्कूटी से लड़ गया जिससे वे गिर पड़े थे। कृष्णा कालोनी निवासी दीपक, सतीश, मीनाक्षी, का कहना हैं रात में कालोनी में घुमंतू पशुओं की लाइन लग जाती है और रोज सुबह गंदगी को साफ करने में घंटों लग जाते हैं। मुख्य सड़कों पर पशुओं का कब्जा होने के साथ राहगीरों में भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक घुमंतू पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। पशु मालिक बेपरवाह
शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं। पशुओं से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे पशुओं से उनका कोई नाता न हो। दुर्घटना में पशुओं की मौत के बाद वे मुआवजा के लिए जानवरों पर दावा करते हैं।