अधिकारी काम शुरू करने की तारीख पर तारीख करते जा रहे निर्धारित
आदित्य राज, गुरुग्राम उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के पास बिजली महकमा होने से साइबर सिटी की तस्वीर
आदित्य राज, गुरुग्राम
उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के पास बिजली महकमा होने से साइबर सिटी की तस्वीर बदल जाएगी। अधिकारी सिस्टम की मजबूती पर ईमानदारी से काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है ढाई साल बाद भी स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के ऊपर काम शुरू न होना। काम कबसे शुरू होगा, इसका अंदाजा नहीं। स्थिति यह है कि अधिकारी प्रोजेक्ट के मुताबिक प्ला¨नग तक नहीं कर पाए। इससे प्रोजेक्ट की राशि 9000 करोड़ रुपये से घटाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई। इतनी राशि के लिए भी अब तक सभी टेंडर जारी नहीं किए जा सके हैं। कुल पांच टेंडर जारी होने हैं। इनमें से केवल दो ही हो पाए हैं।
ढाई साल पहले केंद्र सरकार ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के लिए साइबर सिटी का चयन किया था। तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुग्राम में अधिकारियों के साथ बैठक कर उम्मीद जाहिर की थी कि योजना के ऊपर जल्द काम शुरू होगा। शुरू में योजना के ऊपर 9000 करोड़ रुपये खर्च होने थे। एक साल तक अधिकारी यही नहीं तय कर पाए कि 9000 करोड़ रुपये को खर्च कैसे करने हैं। काम की शुरुआत कहां से व कैसे करनी है, यह भी तय नहीं कर पाए। शुरुआत में डीएलएफ सब डिवीजन से काम शुरू करने की योजना बनाई गई थी। बाद में उसे बदल दिया गया। शुरू में यह भी चर्चा चली कि चरणबद्ध तरीके से पूरे सिस्टम को बदलकर नया सिस्टम खड़ा किया जाए। यह बात भी आगे नहीं बढ़ी। अब तय किया गया है कि जो सिस्टम है वह रहेगा। केवल अपग्रेड किया जाएगा। हालांकि इसे लेकर भी अधिकारी असमंजस में ही हैं। कुल मिलाकर ढाई साल भी यह तय नहीं हो पाया है कि काम कबसे शुरू होना है, कहां से शुरू होना है, क्या-क्या काम करने की फिलहाल आवश्यकता है, कब तक प्रोजेक्ट के ऊपर काम पूरा हो जाएगा आदि।
शुरुआत प्रोजेक्ट के मुताबिक ये कार्य होने हैं
- डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों को पूरी तरह भूमिगत किया जाएगा, इससे बारिश होने पर फाल्ट आने की समस्या कम हो जाएगी
- ¨रग मेन सिस्टम के ऊपर जोर दिया जाएगा, इससे एक तरफ से बिजली गुल होते ही दूसरी तरफ से चालू हो जाएगा
- ऐसा सिस्टम विकसित किया जाएगा कि किस इलाके में कितना लोड चल रहा है, कंट्रोल में पता चल सके
- कंट्रोल रूम से ही समय पर बिजली बिल जमा नहीं करने वालों का कनेक्शन काटने की सुविधा होगी
- कंट्रोल रूम से बैठकर पता किया जा सकेगा कि किस उपभोक्ता का किस समय कितना लोड चल रहा है
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गांव से भी बदतर है शहर का सिस्टम
पूरी दुनिया में औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पहचान बनाने वाले गुरुग्राम शहर में बिजली सिस्टम गांव से भी बदतर है। हल्की हवा चले या हल्की बारिश हो जाए, पूरे शहर से बिजली गुल हो जाती है। तीन दिन पहले हल्की बारिश हुई, पुराने गुरुग्राम से लेकर नए गुरुग्राम इलाके में काफी देर तक बिजली गुल रही। कई इलाकों में घंटों बिजली नहीं आई। यह हाल तब है जब गुरुग्राम सर्किल को दो भागों में बांट दिया गया। दो-दो अधीक्षण अभियंता गुरुग्राम में बैठते हैं। इसका लाभ न पुराने गुरुग्राम में दिख रहा है और न ही नए गुरुग्राम में।
स्मार्ट ग्रिड पर अब तक काम शुरू न होना यह दर्शाता है कि अधिकारियों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। राजस्व बढ़ाना गुरुग्राम में बढ़ी बात नहीं। आप जितनी बिजली देंगे उतना अधिक राजस्व प्राप्त होगा। सिस्टम के ऊपर कितना काम किया गया? स्मार्ट ग्रिड के लिए अलग से अधिकारियों की तैनाती कर दी गई। गुरुग्राम सर्किल को बांटकर दो भागों में कर दिया गया लेकिन रिजल्ट जीरो।
- सुमेर ¨सह यादव, सेवानिवृत्त प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड
नए कार्य शुरू करने में समय लगता है। जल्द ही स्मार्ट ग्रिड के ऊपर काम शुरू होगा। दो टेंडर के वर्क अलॉट हो चुके हैं। बाकी टेंडर जल्द ही जारी किए जाएंगे। जहां तक बात हल्की बारिश में ही सिस्टम में गड़बड़ी आने का है तो इस बारे में पता किया जाएगा। निश्चित रूप से गुरुग्राम सर्किल को दो भागों में बांटने का लाभ मिलना चाहिए। यदि नहीं मिल रहा है तो यह गंभीर मामला है।
- आरके बत्रा, निदेशक (प्रोजेक्ट), दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम