पूजन और आरती के बाद सांझी का किया विसर्जन
हरियाणवी लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा सांझी पर्व सेक्टर-9 गोशाला में महिलाओं ने धूमधाम से मनाया। राष्ट्रीय महिला जाट मंच की महिलाओं ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: हरियाणवी लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा सांझी पर्व सेक्टर-9 गोशाला में महिलाओं ने धूमधाम से मनाया। राष्ट्रीय महिला जाट मंच की महिलाओं ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंच की महिलाएं हरियाणवी संस्कृति को बचाने के लिए जुटी हैं।
पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में दुर्गा पूजा और नवरात्र में माता के नौ रूपों को पूजा जाता है। उसी प्रकार हरियाणा लोक संस्कृति में अश्विन मास के नौ दिन शारदीय नवरात्र में कन्याओं द्वारा लोक माता सांझी की पूजा की जाती है। अमावस्या के दिन इस सांझी को चिकनी मिट्टी और गोबर से माता के रूप में बनाया जाता है। अष्टमी के दिन भाई लेने आते हैं। पूजन और आरती के बाद सांझी को मटकों में डालकर व दीया जलाकर महिलाएं गीत गाती हुई सरोवर या जोहड़ में सांझी का विसर्जन करती हैं। जब लड़कियां इस सांझी को मटकी में डालकर विसर्जन के लिए ले जाती हैं, लड़के सांझी की मटकी को डंडों से तोड़कर सांझी को अपनी ससुराल में रहने और सुखी जीवन जीने का संदेश देते हैं।
राष्ट्रीय महिला जाट मंच ने यह पर्व बड़ी धूमधाम से सेक्टर नौ स्थित श्री राधा कृष्ण गोशाला में मनाया। हरियाणा की संस्कृति और परंपरागत रीति-रिवाज को बचाने के लिए राष्ट्रीय महिला जाट मंच कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला जाट मंच की संस्थापक रमा रानी राठी, उपाध्यक्ष डॉ. पुष्पा धनखड़, राधा कृष्ण गौशाला की सविता कटारिया, डॉ. सुनीता कटारिया, मिस आइकन रितू कटारिया, सुदेश मलिक, मीनाक्षी, इंदू कटारिया के अलावा काफी महिलाएं मौजूद रहीं।