नियम कानूनों को ताख पर रख बाडी बनाकर कर रहे हैं लोगों की जिदगी से खिलवाड़
वाहनों में क्षमता से अधिक माल भरने के लालच में जहां ट्रांसपोर्ट नियमों को ताख पर रख रहे हैं वहीं बाडी बनाने वाले वर्कशाप संचालक भी मनमर्जी के मुताबिक वाहनों की बाडी बढ़ाकर लोगों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: वाहनों में क्षमता से अधिक माल भरने के लालच में जहां ट्रांसपोर्ट नियमों को ताख पर रख रहे हैं वहीं, बाडी बनाने वाले वर्कशाप संचालक भी मनमर्जी के मुताबिक वाहनों की बाडी बढ़ाकर लोगों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। नियम विरुद्ध बाडी बनाने से वाहन असंतुलित होकर हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। क्षेत्रीय परिवहन विभाग व पुलिस की निष्क्रियता ऐसे वाहनों को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही है।
कंपनी की तरफ से किसी भी मालवाहक वाहन की बाडी बनाने के लिए नियम तय किए गए हैं। उन नियमों को ताख पर रखकर ट्रांसपोर्ट अपनी मनमर्जी के मुताबिक तैयार करा लेते हैं। लोगों का कहना है कि ट्रांसपोर्टर के साथ-सथ बाडी तैयार करने वाले वर्कशाप संचालक भी पूर्ण रूप से दोषी हैं। प्रशासन को इस तरह से बाडी बनाने वाले वर्कशाप पर भी शिकंजा कसना चाहिए। असंतुलित वाहन सड़कों पर बनते हैं हादसों के वाहक
ट्रक, डंपर और ट्राला की बाडी को अपनी इच्छा अनुसार माडिफाइ करा कर क्षमता से अधिक माल लादने का काम किया जाता है। ट्रांसपोर्टर का वाहनों को ओवरलोड कर सामान भरकर ले जाने में अपना लालच होता है। वाहनों की लंबाई चौड़ाई बढ़वाने के बाद वे सड़कों पर बेलगाम होकर दौड़ते हैं। ऐसे वाहनों के कारण सड़क दुर्घटना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले वर्ष सड़क दुर्घटना में 361 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा वाहनों के आपस में टकरा कर क्षतिग्रस्त होने से भी काफी नुकसान होता है। ट्रांसपोर्टर ओवरलोड वाहनों को दुर्घटना का कारण नहीं मानते। एक ट्रांसपोर्ट का कहना है कि वाहन की बाडी में थोड़ा सा माडिफिकेशन कराने से कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन के पास नहीं है बाडी वर्कशाप संचालकों का डाटा
नियमों को ताख पर रखकर मनमर्जी के मुताबिक लंबाई व चौड़ाई बढ़ाने वाले बाडी वर्कशाप संचालकों का प्रशासन के पास कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। वैसे तो बाडी बनाने की वर्कशाप लघु उद्योग के दायरे में आती है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य है। बाडी बनाने वाले वर्कशाप संचालकों ने किसी भी प्रकार का कहीं कोई रजिस्ट्रेशन नहीं करा रखा है। प्रशासन के पास अगर इनका कोई डाटा हो तो अधिकारी इनको नियम कानून के बारे में जानकारी भी दे सकते हैं। क्षमता से अधिक माल भरने के लिए जिन ट्रांसपोर्टरों ने अपने वाहनों की ऊंचाई बढ़ा ली थी। उनकी वाहनों की बाडी कटवा दी गई है। हमारी टीम नियमित रूप से अलग-अलग सड़कों पर इस तरह के वाहनों की चेकिग में लगी रहती है। पिछले तीन महीने में 1218 ओवरलोड वाहनों पर करीब छह करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
धारणा यादव, सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, गुरुग्राम