लोकसभा चुनाव से पहले संत करेंगे मंदिर निर्माण की घोषणा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख व वरिष्ठ प्रचारक प्रेमचंद गोयल का दावा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले संत राम मंदिर के निर्माण की तिथि की घोषणा कर देंगे। इस दिशा में विश्व ¨हदू परिषद का भी प्रयास लगातार जारी है। जहां तक सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सवाल है तो सौ नहीं बल्कि हजार प्रतिशत भरोसा है कि मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला आएगा। देरी हो रही है लेकिन फैसला पक्ष में ही आएगा।
आदित्य राज, गुरुग्राम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख व वरिष्ठ प्रचारक प्रेमचंद गोयल का दावा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले संत राम मंदिर के निर्माण की तिथि की घोषणा कर देंगे। इस दिशा में विश्व ¨हदू परिषद का भी प्रयास लगातार जारी है। जहां तक सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सवाल है तो सौ नहीं बल्कि हजार प्रतिशत भरोसा है कि मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला आएगा। देरी हो रही है लेकिन फैसला पक्ष में ही आएगा।
भारत विकास परिषद की महाराणा प्रताप शाखा गुरुग्राम द्वारा सेक्टर 12ए में संचालित विवेकानंद आरोग्य केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे संघ के वरिष्ठ प्रचारक प्रेमचंद गोयल ने कहा कि कुंभ मेले में मंदिर निर्माण को लेकर मंथन चल रहा है। कबसे निर्माण शुरू करना है, इस बारे में फैसला होना है। संत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रह रहे ¨हदू चाहते हैं कि अब निर्माण शुरू होने में देरी नहीं होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिदिन सुनवाई होनी चाहिए
सर्वोच्च न्यायालय में मामले की प्रतिदिन सुनवाई शुरू होनी चाहिए ताकि जल्द फैसला सामने आ सके। वैसे सभी को पता है कि फैसला मंदिर निर्माण के पक्ष में ही आएगा। जहां पर मंदिर निर्माण होना है वहां मस्जिद होने का कोई प्रमाण ही नहीं है। कांग्रेस को भी पता है कि फैसला मंदिर निर्माण के पक्ष में आएगा, इसलिए वह नहीं चाहती है कि जल्द फैसला आए। जहां तक संसद में बहस का सवाल है तो कोई भी मंदिर निर्माण के विरोध में भाषण नहीं देगा। विरोधी संसद सत्र छोड़कर बाहर निकल जाएंगे लेकिन विरोध में भाषण नहीं देंगे क्योंकि जो सभी दिल से यही मानते हैं कि रामलला के जन्मस्थान पर मंदिर का ही निर्माण होना चाहिए। धर्मांतरण से पूरा परिदृश्य बदल जाता है
धर्मांतरण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। धर्मांतरण से पूरा परिदृश्य बदल जाता है। संस्कृति से लेकर सामाजिक ताना-बाना बदल जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखता है लेकिन धर्मांतरण को स्वीकार नहीं कर सकता। ¨हदू विचार को मानने वाले लोगों ने कभी भी धर्मांतरण के ऊपर जोर नहीं दिया। सभी धर्म के प्रति समान भाव रखता है। प्रधानमंत्री के पद को लेकर बिखर जाएगा विपक्षी कुनबा
भाजपा के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी अधिक दिन तक नहीं दिखाई देने वाली। प्रधानमंत्री के पद को लेकर पूरा कुनबा बिखर जाएगा। कई नेता प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। एक साथ कितने प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बेहतर दिशा दी है। विपक्षी पार्टियां अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। इस वजह से घोर विरोधी के साथ भी कई नेता खड़े होने के लिए मजबूर हैं।