रामलीला के दर्शकों से देर रात गुलजार रहती हैं सड़कें
शहर की सड़कें रात देर तक गुलजार रहने लगी है। जैसे-जैसे रामलीलाओं को रंग जम रहा है मध्यरात्रि तक लोग रामलीला देखकर लौटते हैं और सड़कों पूरी गहमा-गहमी रहने लगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर की सड़कें रात देर तक गुलजार रहने लगी हैं। जैसे-जैसे रामलीलाओं का रंग जम रहा है मध्यरात्रि तक लोग रामलीला देखकर लौटते हैं जिससे सड़कों पूरी गहमा-गहमी रहने लगी है। मुख्य मंदिरों के आस-पास भी देर रात तक गहमा-गहमी रहती है।
ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड से लेकर ओल्ड जेल कांप्लेक्स सदर बाजार और झाड़सा तक रामलीलाओं के कारण मध्यरात्रि तक लोगों की आवाजाही बनी हुई है।
गीता भवन स्थित दशहरा ग्राउंड रामलीला में एक बड़े स्क्रीन पर भी रामलीला दिखाई जा रही है। इस लाइव रामलीला में गुरु विश्वामित्र का यज्ञ, सुबाहू और मारीच का वध, ताड़का और राक्षसी का वध, अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका में राम सीता का दृश्य दिखाया गया। कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र खुल्लर की अगुआई में यहां रामलीला हो रही है। यहां मुख्य दृश्य मंच पर दर्शाए जा रहे हैं और बाकी स्क्रीन के माध्यम से दिखाया जा रहा है। डीएलएफ फेज टू गुलमोहर मार्ग की रामलीला में धनुष यज्ञ और राम विवाह का दृश्य दर्शाया गया।
झांकियों और राम बारात से गुलजार हुई शहर की सड़कें
लवकुश रामलीला कमेटी स्वरूप गार्डन में बुधवार की शाम राम बारात की झांकी निकाली गई। रामलीला के मंच पर बारात के बाद राम विवाह संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरडब्ल्यूए अध्यक्ष बदन सिंह यादव, डीके शर्मा, कुलदीप राम विमल मौजूद थे।
रामचरितमानस रामलीला कमेटी झाड़सा की रामलीला में राम बारात के साथ बैंड बाजों के साथ कई अन्य झांकियां भी थी। झाड़सा की रामलीला में सड़कों पर राम बारात का यह पहला अवसर था। जिसमें घोड़े पर सवार राम, लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न के अलावा शिव- पार्वती और रामलीला के अन्य पात्रों को भी दर्शाया गया। इस लीला से जुड़े संजय सोनी ने बताया कि रामलीला के वरिष्ठ कलाकार हिम्मत सिंह सोनी वर्ष 1961 से रामलीलाओं में हिस्सा ले रहे हैं। यह नई रामलीला पहली बार शुरू की गई है। इसके साथ झाड़सा की रामलीला के तीन हिस्से हो गए हैं।
सदर बाजार में डाकखाने की पुरानी रामलीला कमेटी की ओर से झांकी निकाली गई थी। माझी जरा नाव तो लाना हम तीनों को भइया उस पार तो पहुंचाना
जैकबपुरा की श्री दुर्गा रामलीला कमेटी और गुरुग्राम गांव के द्रोणाचार्य रामलीला क्लब की रामलीला में राम केवट संवाद, दशरथ की मृत्यु और राम भरत मिलाप की दृश्य दर्शाया गया।
श्री द्रोणाचार्य रामलीला क्लब की रामलीला में राम, लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न वनवास के लिए निकले रास्ते में नदी को पार करने के लिए नैया की जरूरत पड़ी। जहां राम और केवट में संवाद हुआ। इस लीला में राम भरत मिलाप और दशरथ मरण का दृश्य भी दर्शाया गया। माझी जरा नाव तो लाना हम तीनों को भइया उस पार तो पहुंचाना. केवट राम संवाद के पहले मधुर गीतों का लोगों ने आनंद लिया। श्री दुर्गा रामलीला कमेटी की लीला में पुत्र वियोग में दशरथ विलाप करते-करते मृत्यु के करीब पहुंच जाते हैं। जहां श्रवण कुमार के पिता के श्राप को याद करते हैं।