कई बार मांग करने के बाद भी नहीं बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में उद्यमियों द्वारा कई बार मांग करने के बाद भी रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार नहीं किया गया है।
जागरण संवाददाता, मानेसर: औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में उद्यमियों द्वारा कई बार मांग करने के बाद भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार नहीं किया गया है। इसके कारण क्षेत्र में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है। गांव मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश ने पिछले साल भी एनजीटी को पत्र लिख यह सुझाव दिया था कि क्षेत्र में कई जगह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किए जाने चाहिए। जिससे क्षेत्र में लगातार गिरते जलस्तर को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस बार भी क्षेत्र के लोगों द्वारा और उद्यमियों द्वारा यह मांग की जाने लगी है कि क्षेत्र में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए कार्य किया जाना चाहिए।
लॉकडाउन में अधिकारियों के कार्यालय न आने और बारिश का मौसम नजदीक आता देख उद्यमियों की तरफ से एसोसिएशन ने सलाह दी है कि जल्द ही क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किए जाने चाहिए। हरियाणा इंडस्ट्रीयल एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाए जाने से बारिश का पानी नालों में बह रहा है।
कुछ बड़ी कंपनियों में तो प्रबंधन द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किए गए हैं, लेकिन इनमें केवल कंपनी परिसर से ही बारिश का पानी जमीन में जाता है। पहाड़ी और अन्य क्षेत्र से आने वाला बारिश का पानी नालों के माध्यम से ही निकाला जाता है। इससे क्षेत्र में भूजल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है। उद्यमियों द्वारा इस क्षेत्र में हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की कई बार मांग की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बारिश होने के कारण कई बार तो यहां जलभराव भी हो जाता है।
उद्यमियों ने एचएसआइआइडीसी के अधिकारियों को पत्र लिखकर सभी सेक्टर में एक बड़ा टैंक बनाने और उसमें हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की बात कही थी। इससे सड़क पर जलभराव भी नहीं होगा और बारिश का पानी भी जमीन में चला जाएगा। आइएमटी इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के महासचिव मनोज त्यागी ने बताया कि अधिकारियों को आर्टिफिशियल लेक बनाने का सुझाव भी दिया गया था लेकिन लॉकडाउन में कार्य नहीं होने से मामला लंबित है। सभी सेक्टर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किए जाने चाहिए। इनसे क्षेत्र में वाटर लेवल भी ऊपर आएगा और बारिश के पानी को भी प्रयोग किया जा सकेगा। रिहायशी सेक्टर में तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है लेकिन औद्योगिक सेक्टरों में ऐसा नहीं किया गया है।