बारिश का सीजन खत्म होने के बाद साफ कर रहे रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम
पूरा बारिश का सीजन निकल गया और नगर निगम को अब रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम साफ करने की याद आई है। सेक्टर 33-34 की मार्बल मार्केट में करीब आठ से दस रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम बने हुए हैं और इनकी सफाई नहीं होने के कारण ये पिछले काफी दिनों से बंद पड़े हुए थे। इन सिस्टम की सफाई नगर निगम ने अब शुरू की है। इस मानसून सीजन में काफी बारिश हो चुकी है और अब लगभग मानसून का सीजन खत्म होने वाला है। 15 सितंबर को क्षेत्र से मानसून लौट जाता है। इस बार अगर शहर के सभी रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम चालू होते तो भूजल स्तर में सुधार किया जा सकता था। लेकिन शहर में ज्यादातर सिस्टम सफाई नहीं होने के कारण बंद पड़े हैं। डार्क जोन में शामिल गुरुग्राम में लगातार भूजल स्तर गिर रहा है और आने वाले सालों में शहर में पेयजल की भारी किल्ल्त हो जाएगी। बारिश का पानी सहेजकर इसका उपयोग किया जा सकता है। ------------------
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : पूरा बारिश का सीजन निकल गया और नगर निगम को अब रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम साफ करने की याद आई है। सेक्टर 33-34 की मार्बल मार्केट में करीब आठ से दस रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम बने हुए हैं और इनकी सफाई नहीं होने के कारण ये पिछले काफी दिनों से बंद पड़े हुए थे। इन सिस्टम की सफाई नगर निगम ने अब शुरू की है।
इस मानसून सीजन में काफी बारिश हो चुकी है और अब लगभग मानसून का सीजन खत्म होने वाला है। 15 सितंबर को क्षेत्र से मानसून लौट जाता है। इस बार अगर शहर के सभी रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम चालू होते तो भूजल स्तर में सुधार किया जा सकता था। लेकिन शहर में ज्यादातर सिस्टम सफाई नहीं होने के कारण बंद पड़े हैं। डार्क जोन में शामिल गुरुग्राम में लगातार भूजल स्तर गिर रहा है और आने वाले सालों में शहर में पेयजल की भारी किल्लत हो जाएगी। बारिश का पानी सहेजकर इसका उपयोग किया जा सकता है।
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मार्केट में होता है जलभराव
सेक्टर 33-34 स्थित मार्बल मार्केट के पूर्व प्रधान केपीएस चौहान का कहना है कि पूरी मार्बल मार्केट की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। बारिश होते ही दुकानों के आगे भारी जलभराव होता है। बारिश के दिनों में यहां से पैदल ही नहीं गाड़ियों से भी निकलने में परेशानी होती है। नगर निगम ने अब रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम की सफाई शुरू की है, अगर सफाई पहले कर दी जाती तो मार्केट में जलभराव से परेशानी ना होती। इसके साथ ही वर्षा जल जमीन में रिसने से भूजल स्तर भी बढ़ जाता।